प्यार को पाने के लिए चली चाल

हेलो दोस्तों, मैं कारण फिरसे आप सभी का स्वागत करता हू. पिछली स्टोरी में आपने जाना की रोहन अमन को मिलता है. लेकिन उसके दोस्त के हिसाब से नही बल्कि उसके पड़ोसी पायल के मंगेतर के हिसाब से. इसीलिए रोहन ने अपने दिल से अमन को निकाल दिया.

तभी पायल का आक्सिडेंट हो जाता है, और रोहन पायल का ख़याल रखता है. उसी वक़्त अमन रोहन का फिरसे सामना करता है. अब आयेज की कहानी बताता हू रोहन के हिसाब से.

रोहन तो मे: हॉस्पिटल में जब मैं पायल के लिए मेडिसिन लेकर वापस आया, तो मैने देखा की अमन पायल की साइड में बैठा हुआ था.

मे: अमन, तुम कब आए?

अमन: अभी आया, सुबह पायल ने कॉल किया था.

मे: अछा.

अमन: तुम मुझे क्यूँ नही कॉल किए?

मे: तुम्हारा नंबर मेरे पास नही है.

फिर मैं अमन को दवाई पकड़ा कर वाहा से बाहर चला आया. मैं सोचने लगा की अमन सच में मुझे भूल चुका था. तभी पीछे से अमन आ गया और

बोला-

अमन: इधर क्या कर रहे हो?

मे: खुली हवा खाने आया था. ठीक है चलता हू.

ये बोल कर जब मैं जाने लगा, तो अमन ने मुझे पीछे से ज़ोरदार हग किया. मुझे उस वक़्त ऐसा लगा की, कोई मेरे अंदर फिर से जान भर दिया हो. क्यूंकी टीन साल के बाद मुझे अमन ने हग किया था. कुछ देर बाद अमन साइड हो गया.

अमन: सॉरी यार, ऐसा करने के लिए.

मे: तुम तो पहले भी कर चुके हो हग मुझसे.

अमन: पायल की वजह से तोड़ा टेन्षन में था, इसलिए ऐसा किया यार.

मे: ओह तो पायल के लिए.

मुझे तोड़ा बुरा लगा. इसलिए मैं डाइरेक्ट घर चला आया.

उसी शाम को पायल और अमन दोनो ही घर वापस आ गये. उसी वक़्त में नहा कर आया था, इसलिए तोड़ा भीगा हुआ था, और मैं सिर्फ़ शॉर्ट्स में था.

मैं उसी हालत में पायल को देखने चला गया. फिर मैने देखा पायल की साइड में अमन बैठा था. लेकिन उसकी नज़र सिर्फ़ मेरे पे ही थी. मैने और एक बात नोटीस की, की मुझे देख कर वो पूरा अनकंफर्टबल हो चुका था.

अमन की बॉडी से पसीना आ रहा था, इसलिए वो डाइरेक्ट बातरूम चला गया. मुझे तोड़ा अजीब लगा की अमन को पसीना क्यूँ आ रहा था मुझे देख कर. फिर अगले दिन मैं जब बेड से उठा, तो मैने देखा की अमन मेरे बगल में ही सोया था.

मे: अमन! तुम यहा क्या कर रहे हो, और घर में कैसे घुसे?

अमन: पायल ने तुम्हारे रूम का एक्सट्रा चाबी दी, और कॉफी पाउडर देने को बोला था.

मे: फिर मुझे जगाए क्यूँ नही, और मेरे पास क्यूँ लेते थे?

अमन: पुरानी यादें याद आ गयी. इसलिए बगल में लेट गया.

मैं तोड़ा सोचने लगा, की अमन ऐसे क्यूँ बिहेव कर रहा था. फिर मैं जब किचन जेया रहा था, तो अमन भी मेरे पीछे-पीछे आ गया. मैने जब कॉफी पाउडर लेने के लिए हाथ उपर किया, तभी अमन डाइरेक्ट मेरे पीछे चिपक गया, और मेरे हाथ के साथ अपना हाथ रख दिया.

तभी मैं पीछे हो गया, और आतते के डब्बे की तरफ अमन का हाथ लग गया, और सारा आत्ता हमारे उपर गिर गया.

फिर हम दोनो एक-दूसरे को देख कर हासणे लगे, और एक-दूसरे के बॉडी से आता सॉफ करने लगे. तभी मैने देखा की अमन का लंड पूरा खड़ा था. मैं समझ गया की अमन अभी भी मुझसे अट्रॅक्ट होता था, इसलिए वो मुझे देख कर अजीब सी हरकतें करता था.

मे: चलो शवर में नहा लो, वरना बाहर कोई देख कर दर्र जाएगा.

अमन: ठीक है.

फिर अमन जब बातरूम गया, तभी मैं भी उसके पीछे चला गया.

अमन: ओये, तुम क्या कर रहे हो?

मे: तुम्हारे साथ नहाने आया हू.

अमन: क्यूँ?

मे: बचपन में हम कितने बार नहाए है, तो फिरसे आज उस याद को जीने को मॅन किया.

फिर हम दोनो ने नहाते वक़्त एक-दूसरे को साबुन लगाया. अमन की बॉडी पूरी मस्त थी, पूरी मस्क्युलर. जब अमन मुझे साबुन लगा रहा था, तो वो बार-बार मेरी कमर की और हाथ लगा रहा था.

अमन: रोहन, तुम्हारी कमर तो अभी भी लड़की की तरह ही है.

मे: तुम तो पुर हटते-काटते हो गये हो. तुम्हारी तो एक चीज़ तो बहुत बढ़ गयी है.

अमन समझ गया की मैं उसके लंड की बात कर रहा था.

अमन: हा वो तो है, लेकिन तुम अगर चाहो तो उस चीज़ का एंजाय ले सकते हो.

मे: तुम्हारी तो मंगेतर है. तुम तो बहुत एंजाय देते होंगे?

अमन: तुम्हारा कोई नही क्या?

मे: मेरा तो था एक, लेकिन वो बिना बताए ही भाग गया. उसके बाद मुझे कोई पसंद ही नही आया.

अमन जान गया की मैं उसकी बात कर रहा था.

अमन: यार हम बचपन में जो भी करते थे, वो हमारा बचपन था. अब तुम आयेज बढ़ो.

ये बोल कर अमन वाहा से टवल पहन के बाहर आ गया. लेकिन मैं शवर के नीचे ही था, और सोचने लगा की, क्या सच में अमन मुझे कभी पसंद नही करता था. अगर वो मुझे पसंद नही करता था, तो मुझे देख कर अनकंफर्टबल क्यूँ हुआ.

मैं सच में नही जान पा रहा था, की अमन आख़िर क्या चाहता था. वो पायल के साथ में रह कर भी मुझसे ऐसा बिहेव क्यूँ करता था. अब मैने एक प्लान बनाया. मैने एक डेटिंग अप में एक लड़के को अपने घर पे बुलाया रात को. मैं देखना चाहता था की अमन मेरे बारे में क्या सोचता था.

इसलिए मैं रात को पायल के रूम चला गया, और अमन पास में ही था, तो बोल दिया की-

मे: आज मेरे घर एक फ्रेंड आ रहा है.

ये कह कर मैं चला आया. रात को 9:30 बजे जो डेटिंग अप वाला लड़का था, वो आया. मेरे प्लान के मुताबिक हमने डिन्नर किया, और मैं जान-बूझ कर, दरवाज़े के पास ही उससे बात करने लगा. फिर जब हम कपड़े उतार के कुछ करने जेया रहे थे, तब डाइरेक्ट अमन चला आया.

अमन: ये क्या हो रहा है?

मे: मेरे रूम में तुम क्यूँ आए?

अमन: तुम दोनो नंगे क्यूँ हो?

फिर वो लड़का दर्र कर पंत पहन कर चला गया. और मैं बोला-

मे: मेरी लाइफ, मेरी मर्ज़ी, तुम क्यूँ आए इधर?

अमन: तुम्हे लड़के पसंद है क्या?

मे: तुम नही जानते हो क्या इसका जवाब?

फिर अमन समझ गया मेरा जवाब, की मैने बचपन में ही उसको बोल दिया था, की मुझे वो पसंद था. इसलिए ही मैं वाहा से चला गया.

अब मैं समझ गया था, की वो मुझे अभी भी चाहता था. लेकिन वो दर्र रहा था, इसलिए मैं अब उससे तडपा कर उसके मूह से मेरे लिए अपना प्यार निकालूँगा.

अगले पार्ट में वो जाँएंगे. अभी आपको कहानी कैसी लगी वो आप महरकरण64@गमाल.कॉम पर अपने कॉमेंट भेजे.