मों को रंगे हाथ पकड़ कर बेटे ने चोदा

गाइस, मेरी फॅमिली में सिर्फ़ मैं और मों ही है. मेरा कोई भाई या बेहन नही है. और दाद आज से 3 साल पहले गुज़र गये, जब मैं सिर्फ़ 19 साल का था. दाद के जाने बाद मों ने ही दाद का सारा बिज़्नेस संभाला है.

मेरी मों का नाम विनीता है और मेरी मों बेहद खूबसूरत औरत है. मों का फिगर 46-36-46 है, और उनकी हाइट 5’7″ है. जिससे उनकी मोटाई का पता नही चलता. मों के बूब्स काफ़ी बड़े-बड़े है और गांद तो पूछो मत. अब मैं कहानी की और बढ़ता हू.

दरअसल हुआ यू की एक दिन मैं घर बिना बताए आ गया. यहा मैं बता डू की मैं चंडीगार्ह हॉस्टिल में रहता हू. घर पहुँचा तो देखा, मेरे घर के बाहर एक न्यू ब्मो खड़ी थी. मैने सोचा शायद मों ने खरीदी होगी, तो मैने गाते अपनी के से खोला और अंदर एंट्री की.

अंदर से म्यूज़िक की आवाज़ आ रही थी. तो मैं बिना सोचे समझे ही म्यूज़िक वाले रूम में बिना नॉक किए ही घुस गया. अंदर का नज़ारा देख के मेरी आँखें फटी की फटी रह गयी. सामने मों और करीब 25-26 साल का एक लड़का बिल्कुल न्यूड डॅन्स कर रहे थे. मुझे देखते ही दोनो घबरा गये और खुद को च्छुपाने की कॉसिश करने लगे.

मैं भी एक-दूं से शॉक्ड हो कर दोनो को देख रहा था. मों अपने एक हाथ से अपनी छूट को और दूसरे से अपने बूब्स को धक रही थी. वही वो लड़का अपने खड़े लंड को अपने हाथ से दबा कर च्छूपा लिया.

काफ़ी देर देखने के बाद मैं उस रूम से बाहर निकल आया. और सोचने लगा की मों 42 की हो कर भी 25-26 साल के लड़के के साथ गुलच्छरे उड़ा रही थी. ये सोच के मेरा भी लंड मों को देख कर खड़ा हो गया.

कुछ देर में वो लड़का अपने कपड़े पहन के बाहर आया, और उसके पीछे-पीछे मेरी मों भी एक टवल लपेटे बाहर आई. लड़का चुप-छाप अपनी कार की चाबी उठा के चला गया, और मों अपने रूम की और चली गयी.

मों को देख मेरा लंड अब भी फुफ्कारे ले रहा था. इसलिए मैं भी मों के पीछे चल दिया. पर ये बात मों को पता नही थी. इसलिए मों अपने रूम में जाते न्यूड हो गयी. मों यू ही न्यूड लेट कर कुछ सोचने लगी. अब मैं जल्दी से बातरूम में घुस गया, और मों को इमॅजिन कर मूठ मार ली.

कुछ देर में मैं और मों दोनो रूम से बाहर आए. मों ने मुझे देख के अपना सिर झुका लिया. काफ़ी टाइम तक हम दोनो ही चुप थे. फिर वो बोली-

मों: बेटा जेया चिकन ले आ. मैं तेरा मॅन पसंद चिकन बना देती हू,

मैं (गुस्से में): रहने दो, मुझे चिकन नही खाना.

मों: मैं जानती हू तुम गुस्सा हो. पर मेरा गुस्सा खाने पे मत निकालो.

मों के बार-बार कहने पर मैं चिकन लेने चला गया. लेकिन जब घर लौट के आया, तो देखा की मों एक-दूं तैयार होके बैठी थी, जैसे की कही बाहर जाना हो. मों को ऐसे देख मुझे तोड़ा अजीब सा लगा.

मों ने अब सारी पहनी हुई थी, जो मों के शरीर से एक-दूं चिपकी हुई थी. ब्लाउस का कट काफ़ी डीप था. मों की लिपस्टिक काफ़ी डार्क थी, जिससे उनके होंठो को देख के मेरा मॅन उन्हे चूसने का करने लगा. उनको ऐसे देख मैं भी उनकी तरफ तोड़ा अट्रॅक्ट होने लगा.

मों भी मुझे दिखा के मेरा लंड खड़ा करती रही. अब मैने नोटीस किया की मों अपनी गांद कुछ ज़्यादा ही मटका रही है. वो बार-बार झुक कर अपने बूब्स के दर्शन मुझे करवा रही थी.

अब मों मुझसे ज़्यादा ही चिपक रही थी. वो बार-बार किसी ना किसी बहाने से मुझे अपनी गांद और बूब्स का स्पर्श करवाने लगी. अब मैं भी ना चाहते हुए भी उनके करीब जाने लगा. अब मैं भी उन्हे छोड़ने की नज़र से देखने लगा.

लगभग रात 9 बजे डिन्नर एक-दूं से रेडी हो गया. किचन से बहुत अची खुश्बू आने लगी. अब मों को देख मुझे भी उनपे प्यार आने लगा. वो मुझे काफ़ी सेक्सी लगने लगी, तो मैने पीछे से जाके उन्हे हग कर लिया.

मैं: सॉरी मों.

मों: सॉरी क्यूँ जी?

मैं: आप मेरा कितना ख़याल रखती हो, और मैने आपसे रूड्ली बिहेव किया. उसके लिए.

मों: इट’स ओक बेटा. ई नो कोई भी अपनी मा को गैर मर्द के साथ बर्दाश्त नही करेगा.

मैं (मों से और चिपकते हुए): हा मों.

मों (मेरे गाल में अपना गाल सताते हुए): आयेज से ऐसा नही होगा बेटा.

मैं: ओक मों. अब मैं आपका पूरा ख़याल रखूँगा (और मैने मों के गाल पे किस कर लिया).

मों: थॅंक्स बेटा. अब मैं नहाने जेया रही हू. देख कितना पसीना हो रखा है.

मैं: ओक मों, आप नहा लो.

अब मों हॉल में ही अपने कपड़े उतारने लगी. उन्होने बिना शरमाये पहले अपनी सारी और फिर अपना ब्लाउस भी उतार दिया. अब मों मेरे सामने सिर्फ़ पेटिकोट में खड़ी थी. मों ने पेटिकोट को बूब्स के उपर चढ़ा लिया था.

मों को देख खुद पे कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था. तभी मों बातरूम में घुस गयी. कुछ ही देर में अंदर से पानी गिरने की आवाज़ आने लगी. मैने बातरूम के पास जाके देखा तो दरवाज़ा अंदर से बंद था. अब मों बातरूम से एक छ्होटे टवल में बाहर आई. जो ना उनके पुर बूब्स को धक पा रहा था, और ना ही उनकी पूरी गांद को. फिर मों अपने रूम में चली गयी. कुछ ही देर में वो एक रेड सारी में बाहर आई.

मैं: वाउ मों! लुकिंग गॉर्जियस.

मों: थॅंक्स बेटा. चल डिन्नर करते है.

मैं (डिन्नर टेबल पे बैठते हुए): मों आपके रूम का एसी खराब है क्या?

मों: हा बेटा, इसीलिए तो मैं तेरे रूम में ही सोती हू.

मैं: ठीक है, आज तुम मेरे साथ ही सो जाना.

मों (एक नॉटी स्माइल पास करते हुए): हा अब तो हर रात तेरे साथ ही सौंगी.

मैं (उनको आँख मारते हुए): मुझे भी कोई प्राब्लम नही है.

अब मैं समझ चुका था की आयेज मों क्या चाहती थी. इसलिए मैं डिन्नर के बाद बर्तन सॉफ करने में मों की मदद करने लगा. फिर मैं अपने रूम में जेया के मों का वेट करने लगा. कुछ देर में मों भी आ गयी.

मों के आते ही मैं मों पे टूट पड़ा. मों भी रुकना नही चाहती थी. इसलिए वो बिना देर किए मेरे होंठो पे अपने होंठ रख दी. मैं उनके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से मसालने लगा. वो भी मेरे मेरे होंठो को चबा रही थी. अब हम दोनो ही काफ़ी वाइल्ड हो गये थे.

अब मों मुझे बिस्तर पे पटक दी, और मेरे अंडरवेर को उतार के डोर कोने में फेंक दिया. मैने भी मों के ब्लाउस को फाड़ दिया था, और उनके निपल्स को काटने लगा था. देखते ही देखते हम दोनो बिल्कुल न्यूड हो गये.

हम अब एक-दूसरे को बेतहाशा काट रहे थे. मैने मों के बूब्स और गांद को काट-काट के घायल कर दिया था. इसके बदले मों मुझे अपने नाखूनओ से नोच डाली थी. हम दोनो ही सेक्स के लिए पागल हुए जेया रहे थे.

अब मों अपने पैरों को फैलते हुए छूट को चाटने का निमंत्रण देने लगी. मैने भी देर किए बिना उनकी छूट पे अपना होंठ रख दिया. मेरे होंठ रखते ही मों अपनी गांद उछाल दी जिससे मेरी जीभ उसकी छूट में घुस गयी.

मों: आहह मेरे लाल, छातो अपनी मा की छूट छातो उम्म.

मैं छूट के कोने-कोने में अपनी जीभ घुसा रहा था, और नमकीन रस्स का मज़ा ले रहा था.

मों: अपनी गांद को उछाल रही थी, जिससे मज़ा और बढ़ गया था.

कुछ ही देर में मों का पानी निकल गया, और वो पूरी ताक़त के साथ मेरा सिर अपनी छूट पे दबाने लगी. मैं भी उनके रस्स को पी गया, और उनकी छूट सॉफ किया. अब मों मेरे उपर आ गयी, और छूट पे लंड को सेट करके बैठ गयी.

अब मेरा लंड एक ही झटके में उनकी छूट में समा गया. फिर वो उछाल-उछाल के खुद ही चूड़ने लगी. अब पुर रूम में ठप-ठप की आवाज़ गूंजने लगी. मों अब एक-दूं से वाइल्ड हो चुकी थी. वो कभी मेरे होंठो को चूस्टी, तो कभी मेरे गाल को काट रही थी.

मैं अपने दोनो हाथो से उनकी गांद को मसल रहा था. तभी वो एक बार फिर झाड़ गयी, और झटके देना बंद कर दी. पर मैं अभी रुकना नही चाहता था. इसलिए अब मैं उपर आ गया, और उनकी दोनो टाँगो को अपने हाथो से खोल के एक ही झटके में अपना पूरा लंड पेल दिया.

अब मों ज़ोर-ज़ोर चीकने लगी, और उनके मूह से आअहह की सुरीली आवाज़ निकली. इससे मेरा लंड छूट के अंदर और टाइट हो गया. अब मैं भी पूरी ताक़त से शॉट मारने लगा. मों की छूट में मेरा लंड अब अंदर-बाहर होने लगा.

पुर रूम में सिर्फ़ ठप-ठप और मों की आहों की आवाज़ गूंजने लगा. मों की छूट और मेरा लंड दोनो ही गीले थे, जिससे की चुदाई में कोई बाधा नही आ रही थी. लगभग 30 मिनिट की चुदाई में मों 4 बार झाड़ चुकी थी. थोड़ी देर बाद मैं भी झाड़ गया, और मों के उपर ही गिर गया.

फिर उनके मूह में अपनी जीभ डाल के उनके होंठो और जीभ को चूसने लगा. उसके बाद हम दोनो थोड़ी देर चुप-छाप लेते रहे. तभी मों बोल पड़ी-

मों: ई लोवे योउ बेटा. तुम बहुत ही अछा छोड़ते हो. अब ऑल्वेज़ मैं तुमसे ही छुड़वाना चाहूँगी.

ये सुन के मेरा सीना चौड़ा हो गया, और मैं मों की चूत को सहलाने लगा. अब मों मेरे सीने पे अपना सिर रखते हुए बोली-

मों: बेटा, चल अब सो जाते है.

फिर हम दोनो सो गये, पर हमारी चुदाई अब भी जारी है. और अब मैं मों का पति बन के रहता हू. मों भी बीवी का हर सुख मुझे देती है. अब मों एक-दूं से चहेक गयी है, और उनके चेहरे पे अब ऑल्वेज़ एक स्माइल होती है. जो अब मेरी जान बन गयी है.

तो दोस्तों कैसी लगी मेरी ये कहानी? अगर अची लगी हो, तो इसको फ्रेंड्स के साथ ज़रूर शेर करे.