कुवारि बहन की सील तोड़ कर चुदाई की

तो दोस्तों, मेरा नाम राज है, और मैं इंडोरे का रहने वाला हू. ये स्टोरी मेरी और मेरी कज़िन सिस्टर की है. मैं पहले उसके बारे में बताता हू. वो मेरे से 4 साल बड़ी है, और उनका नाम सीमा है, और ये बात आज से 5 साल पहले की है.

मेरी उमर अभी 23 साल है, तो मेरी स्टोरी स्टार्ट होती है जब सीमा दीदी मेरे घर पर रहने आई. तब मेरे दिमाग़ में उनके लिए कोई बुरे विचार नही थे. पर धीरे-धीरे उनको हमारे घर आए हुए 3 महीने हो गये थे, तो मैने उनको एक दिन कपड़े चेंज करते हुए देखा.

पर तब उन्होने पनटी और ब्रा पहनी हुई थी. उस दिन से मेरा उनको देखने का नज़रिया ही बदल गया था. सीमा बहुत ही सेक्सी लग रही थी. उनका फिगर बहुत ही कमाल 28-26-30 का था.

मेरा तो उनको देख कर ही लंड खड़ा हो जाता था. तो अब मैने उनको सिड्यूस करने का प्लान बनाया. रोज़ रात सर्दियों के टाइम मेरे रूम में टीवी था, तो वो टीवी देखने आती और मेरी रज़ाई में पैर मेरे मूह की तरफ डाल कर बैठ जाती थी. ऐसा रोज़ होता था. फिर मैं एक दिन हिम्मत करके रज़ाई में उनकी सलवार में हाथ डाल कर उनके पैर को सहलाने लगा.

उन्होने कुछ नही कहा. फिर तो रोज़ का यही काम हो गया था. ऐसा करते-करते मुझे 3 दिन हो गये थे. फिर मैं अपने हाथ और उपर ले गया, और उनकी जाँघ तक डेली हाथ फेरने लगा. पर उनकी तरफ से कोई रेस्पॉन्स नही आता था, बस वो हस्स देती थी. फिर मेरी हिम्मत बढ़ गयी. तो अब ये सब मैं दिन में भी ट्राइ करने लगा. कभी-कभी अगर वो कपड़े वग़ैरा निकालती ड्रॉयर से, तो मैं उसकी छूट पर हाथ फेर जाता, और वो हस्स जाती.

इससे मुझे मालूम चल गया था की लाइन क्लियर थी. सो अब मैं मौका देख रहा था. एक दिन मेरे घर वाले एक जगह शादी में जेया रहे थे. पर मेरे टेस्ट थे कॉलेज में सो मैं नही गया. मैने सीमा को भी बोला की आप मत जाओ, तो वो भी नही गयी.

मम्मी और डॅडी ने दीदी से कहा: बेटा तुम इसके खाने का ध्यान रखना, और कही बाहर मत जाने देना.

फिर शाम को वो सब चले गये. मैं भी खेलने के लिए घर से बाहर चला गया, और 6 बजे वापस घर आया. मैं देख कर हैरान हो गया दीदी नहा कर बातरूम से निकल रही थी बिल्कुल ही नंगी. मैने उनको देख लिया बुत उन्होने ये नोटीस नही किया, की मैं आ गया था. फिर वो अपने रूम की तरफ बढ़ी तो मैने आवाज़ दी-

मैं: दीदी.

वो बहुत बुरी तरह हड़बड़ा गयी, और कुछ नही बोली, और भाग कर अपने रूम में गयी. फिर 15 मिनिट बाद वो बाहर आई तो मैं उनसे कुछ नही बोला. मैं टीवी देख रहा था, पर मेरी हिम्मत नही हो रही थी, की क्या बोलू. वो भी नही बोली. फिर रात को खाना लेकर आई और बोली-

सीमा: राज, खाना खा ले.

तो मैने खाना खा लिया. फिर वो चली गयी. मेरी तो बहुत बुरी हालत हो गयी थी. दीदी को बगैर कपड़ों के देख कर मुझसे रहा नही जेया रहा था. बस कुछ भी करके मैं उनको छोड़ना चाहता था. फिर मैने बातरूम में जेया कर दीदी की बॉडी को इमॅजिन करके मूठ मारी और झाड़ गया. पर स्पर्म को सॉफ करना भूल गया.

30 मिनिट बाद दीदी की चिल्लाने की आवाज़ आई, तो मैं रूम से बाहर आ कर देखने लगा. फिर मैने बातरूम में जेया कर देखा तो दीदी फर्श पर गिर गयी थी और उनको चोट आई थी. वो उठ भी नही पा रही थी. तो मैने उनको उठाया, और उनके रूम में ले गया.

दीदी बोली: मेरी पीठ में चोट लग गयी है. बां लगा दे.

तो मैं माना करने लगा. पर अंदर मॅन में बहुत खुशी हो रही थी की आज मौका मिल सकता था. फिर मैं उनकी पीठ पर दवाई लगाने लगा. इससे दीदी को कुछ आराम मिला. फिर दीदी ने जो मुझसे कहा, उसे सुन कर मैं पागल हो गया.

दीदी बोली: तुमने मुझे बिना कपड़ों के देखा था ना?

मुझे ये सुन कर दर्र लग रहा था, तो मैं डरते-डरते बोला: हा.

फिर वो बोली: कैसा लगा तुझे?

मैने कहा: क्या?

तो वो बोली: मुझे पता है तू मुझे प्यार करता है. तू मेरी सलवार में हाथ डालता है तो मुझे बहुत अछा लगता है.

ये सुन कर तो मेरे होश उडद गये थे. मॅन ही मॅन मैं बहुत खुश था की आज लॉटरी लग गयी.

फिर मैने कहा: दीदी मैं आपको बहुत प्यार करता हू. और वो करना है मुझे.

सेक्स के बारे में मुझे सेक्स स्टोरीस पढ़-पढ़ कर थोड़ी बहुत नालेज थी.

तो दीदी बोली: नही बस किस कर लो.

फिर मैने उनके होंठो को चूसना चालू किया, और 10 मिनिट किस करने के बाद मुझे सारी चॉक्लेट फीकी लगने लगी. दीदी की टंग बहुत ही मीठी थी. मेरी लाइफ का पहला किस था, तो मैं बहुत खुश था. फिर मैं दोबारा किस करने लगा.

दीदी तो माना कर रही थी. मैने एक हाथ उनके लेफ्ट बूब पर रखा, और कुर्ते के उपर से दबाने लगा. उन्होने कुछ नही कहा. फिर मैं दूसरे बूब को दबाने लगा, और लगातार किस किए जेया रहा था. मुझे लग रहा था की बस खा जौ दीदी को. फिर मेरी और हिम्मत बढ़ी, और मैं अपने एक हाथ को धीरे-धीरे उनकी छूट के पास ले गया.

मैं छूट को सलवार के उपर से ही उंगली करने लगा. शायद उनको भी मज़ा आ रहा था. उन्होने कोई विरोध नही किया, तो कपड़ों के उपर से ही मैं उनके रिघ्त बूब को चूसने लगा और छूट में उंगली करता रहा. दीदी अब तक फुल सेट हो चुकी थी. अब वो भी आ आह आह एमेम की आवाज़े निकालने लगी थी.

फिर मैने उनका कुर्ता निकाल दिया, और जो देखा उसे देख कर पागल हो रहा था. ब्लॅक ब्रा में क़ैद बूब्स वाह क्या लग रहे थे. मैने फिर ब्रा को खोला और बूब्स को बारी-बारी से चूस रहा था. अब दीदी को भी फुल मज़ा आ रहा था. दीदी शायद झाड़ चुकी थी, क्यूंकी उनकी सलवार गीली थी. फिर मैने उनको नेक पर किस किया, और लोवे बीते देने लगा.

थोड़ी देर बाद उनकी छूट सलवार के उपर से लीक करने के बाद मैने उसे भी हटा दिया, और पनटी को भी हटा दिया. छूट पर हल्के-हल्के सुनेहरी बाल थे, जो बहुत ही सेक्सी लग रहे थे. मैने उनकी छूट को मूह में लिया, और चाटने लगा. मुझे बहुत ही अछा लग रहा था. दीदी की छूट का नमकीन टेस्ट बहुत ही ग़ज़ब था.

छूट को चाटने की वजह से दीदी की हालत बहुत खराब हो रही थी. वो अब अपने आप पर कंट्रोल नही कर पा रही थी, और ज़ोर-ज़ोर से आ आ कर रही थी. फिर मैने अपनी जीभ को उनकी गांद के च्छेद पर ले-जेया कर बहुत छाता. अब दीदी बोलने लगी-

सीमा: सेयेल हरामी, मदारचोड़, छोड़ भोंसड़ी के, छोड़ ना जल्दी. क्यूँ तडपा रहा है?

मैं ये सुन के डांग रह गया की दीदी गाली दे रही थी. पर उनकी सेक्सी आवाज़ में गालियाँ भी मेरे अंदर की आग को और बढ़ा रही थी. फिर मैं खड़ा हुआ, और अपने कपड़े उतारे, और अपने 7 इंच के लंड को दीदी के मूह के पास रखा. वो मेरे लंड को देख कर दर्र गयी.

वो बोली: मैं नही ले पौँगी इसको. मेरा फर्स्ट टाइम है, मैं नही ले सकती.

मैने अपने लंड को उनके लिप्स पर रखा, तो वो माना करने लगी. मेरे बहुत फोर्स करने पर उन्होने मेरे लंड का टॉप मूह में लिया, और उसे लॉलिपोप की तरह चूसने लगी. 5 मिनिट चूसने के बाद मेरा झड़ने को हुआ तो मैने उनके मूह में ही छ्चोढ़ दिया. वो मेरे स्पर्म को थूकने लगी तो मैने उनके मूह पर अपना हाथ रख दिया, और उनको वो पीला दिया.

वो उल्टी जैसा करने लगी. तो मैने उनको किस किया. उनको तोड़ा अछा लगा. मैं उनकी छूट चाटने लगा. लगभग वो अभी तक 5 बार झाड़ चुकी थी, और उनका शरीर अकड़ने लगा था. वो मेरी पीठ पर अपने नाख़ून गाड़ने लगी और आह आह आह की आवाज़ के साथ उन्होने अपना पानी छ्चोढ़ दिया. मैने उसे पूरा चाट लिया.

बहुत ही टेस्टी और नमकीन था वो पानी. मुझे लगा जीते जी मैं स्वर्ग में पहुँच गया था. फिर मैने उनकी टाँगो को उठाया और अपने 7 इंच के लंड को उनकी छूट पर सेट किया. फिर धक्का मारा, पर वो अंदर नही गया. तो मैने छूट पर और अपने लंड पर थूक लगा कर और एक ज़ोरदार धक्का मारा. 2 इंच लंड अंदर चला गया.

दीदी बहुत ज़ोर से चिल्लाई: मा मॅर गयी. बाहर निकालो.

उनकी छूट से खून निकल रहा था, पर मैने उनकी एक नही सुनी और एक ज़ोरदार धक्का और लगाया. इस बार मेरा पूरा लंड उनकी छूट के अंदर घुस चुका था. वो दर्द की वजह से तड़प रही थी, तो मैं उनको किस करने लगा. फिर 5 मिनिट बाद उनको तोड़ा आराम मिला तो मैं उनको छोड़ने लगा और 1 घंटा छोड़ने के बाद मैं झड़ने वाला था.

तो मैने पूछा: कहा निकालु?

वो बोली: मेरी चेस्ट पर.

फिर मैने ऐसा ही किया, और उनके पास लेट गया और किस करने लगा. 5 मिनिट बाद सीमा ने मेरे लंड को चूस-चूस के दोबारा तैयार कर दिया. इस तरह उस रात मैने उन्हे 3 बार छोड़ा.

दोस्तों कहानी आचे लगे तो शेर ज़रूर करे.