जवान लड़के से मा ने चुडवाई गांद और चुत

हेलो दोस्तों, मैं विश्वास अपनी कहानी के अगले पार्ट के साथ वापस आया हू. अगर आपने पिछला पार्ट नही पढ़ा है, तो पहले जाके उसको पढ़े. उमीद है आपको पहले पार्ट में मज़ा आएगा.

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा, की जब मैं कॉलेज से घर आया, तो मैने अपनी मा को शर्मा अंकल के बेटे वरुण के साथ रॅंड-पन्न करते देखा. वरुण मा की छूट चूस रहा था, और फिर मा ने उसका लंड चूसा. अब आयेज बढ़ते है.

कुछ देर लंड चुसवाने के बाद वरुण ने अपना लंड मा के मूह से बाहर निकाला. उसका लंड मा की थूक से पूरा चिकना हुआ पड़ा था. फिर उसने अपने लंड को मा के गालों पर मारा, जिससे मा के गालो पर छापे पद गये. मा इस सब के दौरान हस्स रही थी.

फिर वरुण ने मा के बाल पाकर कर उसको खड़ा किया, और उसके बूब्स पर 2-3 छानते मारे. उसके छानते इतने ज़ोर के थे, की मा के बूब्स पर उसकी उंगलियों के निशान पद गये. फिर उसने मा को बेड पर धक्का दिया, और मा बेड पर उपर होके लेट गयी.

वरुण ने मा की टांगे पकड़ कर खींची, और मा को बेड की साइड में ले आया. फिर उसने अपना लंड हाथ में लिया, और मा की छूट पर रगड़ना शुरू कर दिया. मा आ आ की सिसकियाँ ले रही थी, और उसके लंड को अपने अंदर लेने के लिए तड़प रही थी.

फिर वरुण ने लंड मा की छूट पर सेट किया, और ज़ोर का धक्का मारा. उसका लंड पूरा का पूरा मा की गीली छूट में चला गया, और मा की ज़ोर की चीख निकली-

मा: आ वरुण, मार दिया.

फिर वरुण ने पूरा लंड बाहर निकाला, और दोबारा पुर ज़ोर से अंदर डाल दिया. मा की फिरसे चीख निकली, और बोली-

मा: वरुण जान बूझ के दर्द क्यूँ दे रहे हो?

वरुण बोला: इसी में तो मज़ा है आंटी. तुम्हारी छूट इतनी गरम है, की इसमे ज़ोर से लंड डालने पर जन्नत का मज़ा आने लगता है.

तभी वरुण ने फिरसे वैसा ही किया, और मा की फिरसे चीख निकल गयी. अब वरुण ने मा की टांगे पकड़ ली, और तेज़ी से मा की छूट में लंड अंदर-बाहर करने लगा. मा आ आ कर रही थी, और वरुण के लंड का मज़ा ले रही थी. मा की गीली छूट, और वरुण के चिकने लंड की वजह से छाप-छाप की आवाज़े आ रही थी.

फिर वरुण के हाथ टाँगो के नीचे से मा के बूब्स पर रखे, और उनको मसालने लगा. मा पूरी तरह से मूडी हुई थी. मा की छूट में लंड अंदर-बाहर होता हुआ देख कर मेरा लंड भी खड़ा हो गया था.

फिर वरुण ने अपने एक हाथ की उंगलियाँ मा के मूह में डाल दी, और मा उनको चूसने लग गयी. फिर जब उंगलियाँ मा की थूक से गीली हो गयी, तो वो वही उंगलियाँ अपने मूह में डाल कर चूसने लग गया.

उसके बाद उसने उन गीली उंगलियों वाले हाथ से मा के मूह पर ज़ोर से थप्पड़ मारा. जैसे ही मा के मूह पर थप्पड़ पड़ा, तो मा का गाल लाल हो गया, और वो गुस्से में घहरर घर्रर की आवाज़े निकालने लगी. ऐसा लग रहा था जैसे कोई भूखी शेरनी हो. लेकिन वो उसको थप्पड़ मारने से माना नही कर रही थी.

ऐसा लग रहा था जैसे वरुण के थप्पड़ मा की वासना को और बढ़ा रहे थे. अब वरुण ने मा को उपर किया, और खुद भी उसके उपर बेड पर आ गया. वो फिर से छूट में लंड डाल कर धक्के मारने लगा. साथ में उसने अपने होंठ मा के होंठो से चिपका लिए.

अब दोनो किस कर रहे थे, और नीचे लंड छूट का मिलन हो रहा था. मा वरुण की पीठ पर हाथ फेरते हुए पीठ को सहला रही थी. मुझे बड़ा मज़ा आ रहा था ये सब देख कर. मैं वरुण की जगह पर खुद को इमॅजिन करके पंत के उपर से ही अपने लंड को दबाए जेया रहा था.

अब छाप-छाप की आवाज़े बढ़ने लगी थी, और मा की छूट से कोई लिक्विड निकल कर, वरुण के लंड से बहता हुआ नीचे उसकी गांद तक जेया रहा था. मा शायद झाड़ चुकी थी. फिर वरुण ने अपना लंड मा की छूट से निकाला, तो उसका लंड छूट के पानी से लिपटा हुआ चमक रहा था.

उसके बाद वरुण और मा किस करने लगे, और बेड पर घूमते हुए कड्ड्ल करने लगे. कभी वरुण मा के उपर आता, और कभी मा वरुण के उपर. फिर वरुण ने धीरे से मा के कान में कुछ फुसफुसाया. मा उसको ना बोलने लगी.

तभी वरुण ने मा को बेड पर उल्टा लिटा दिया, और उनके उपर आके बैठ गयी. मा उसको ना-ना बोल रही थी, लेकिन मुझे समझ में नही आया की वो ना किस चीज़ के लिए बोल रही थी. तभी वरुण मा के घुटनो से नीचे वाली टाँगो पर बैठा, और झुक कर मा की गांद के चियर में अपना मूह डाल लिया.

उसने दोनो हाथो से मा के चूतड़ खोले, और अपनी जीभ गांद के चियर में नीचे से उपर फिरने लगा. मा को गुदगुदी होने लगी, और वो ज़ोर-ज़ोर से हासणे लगी, और उसको ऐसा ना करने के लिए बोल रही थी. लेकिन वरुण कुछ देर ऐसा ही करता रहा.

फिर वो उपर हुआ, और मा की जांघों पर आके बैठ गया. उसने अपना लंड मा की गांद के च्छेद पर जब रखा, तो मैं समझ गया, की वो मा की गांद छोड़ने वाला था, और मा उसको इसी के लिए माना कर रही थी. मा अभी भी ना-ना कर रही थी, लेकिन वरुण ने मा की गांद में ज़ोर का धक्का मारा.

मा की चीख निकली, और वो बेड पर ज़ोर-ज़ोर से हाथ पताकने लगी. वरुण के लंड का टोपा मा की गांद में जेया चुका था. मा इधर-उधर हिलने लगी, जिससे वरुण का बॅलेन्स बिगड़ने लगा.

तभी वरुण लंड गांद में डाले हुए ही मा के उपर लेट गया, और मा के हाथ भी बेड पर दबा लिए. फिर वो ज़ोर लगा कर मा की गांद में लंड पुश करने लगा. लंड अंदर जाता गया, और मा की चीखें निकलती गयी. चीखें ज़ोर की थी, इसलिए वरुण ने मा का एक हाथ छ्चोढ़ कर अपना हाथ उसके सर पर रखा, और उसको बेड में दबा दिया, ताकि उसकी आवाज़ कम हो जाए.

अब वो ताबड़तोड़ मा की गांद छोड़ रहा था. 10 मिनिट तक वरुण मा की गांद छोड़ता रहा. पहले-पहले मा को दर्द हो रहा था, लेकिन बाद में मज़ा आने लगा. अब वरुण झड़ने वाला था, तो उसने लंड बाहर निकाल कर मा को सीधा किया, और लंड उसके मूह के पास करके हिलने लगा.

मा ने मूह खोल लिया, और वरुण ने माल की पिचकारी मा के मूह पर निकाल दी. कुछ माल मा के मूह में गया, और कुछ फेस पर पद गया. फिर वरुण मा की साइड में लेट गया, और मा स्माइल करते हुए उसका माल उंगली से लेके चाटने लगी. तभी मुझे किसी के घर में आने की आवाज़ आई, और मैं जल्दी से च्छूप गया.

घर पर कों आया था, और आयेज क्या-क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर कहानी मज़ेदार लगी हो, तो इस मज़े को अपने दोस्तों के साथ भी बाँटिए. मिलते है अगले पार्ट में.