जाईपुर में चाची-भतीजे की चुदाई

दोस्तों मेरा नाम सिड है, और मैं राजस्थान के जाईपुर से हू. मेरी उमर 25 साल है, और मैं एंपी में एक मंक में जॉब करता हू. लंड मेरा 7 इंच का है, और हाइट 5’9″ है. बॉडी मेरी फिट है. चलिए अब मैं सीधे अपनी कहानी पर आता हू.

मेरी फॅमिली जाईपुर में है, और मैं जॉब की वजह से एंपी में एक रेंटेड फ्लॅट में रहता हू. मेरी फॅमिली में मम्मी, पापा, दादा, दादी, चाचा-चाची, और उनका एक बेटा है. मैं अपने मा-बाप का अकेला बेटा हू.

मेरे चाचा और पापा की उमर में काफ़ी डिफरेन्स है. चाचा अभी 35 साल के है, और चाची 32 साल की. और उनका बेटा 5 साल का है. ये कहानी मेरी और मेरी चाची की चुदाई की है. सबसे पहले मैं आपको अपनी चाची के बारे में बता देता हू.

मेरी चाची का नाम प्रिया है. वो बहुत ही सुंदर है. उनका रंग गोरा है, और फिगर 36-30-36 का है. उनको देख कर वो 25-26 साल की जवान लड़की लगती है. वो इतनी सेक्सी है की किसी भी मर्द की नीयत उनको देख कर फिसल जाए. लेकिन मेरे चाचा उनकी कदर नही कर पाए.

पिछले कुछ सालों से चाचा को नशे की लत्ट लग गयी थी, और अब वो घर से पैसे चुरा कर नशा खरीदने लगे थे. फिर उनको लड़की-बाज़ी की भी लत्ट लग गयी. जब दादा जी के समझने के बावजूद भी वो अपनी हरकतों से बाज़ नही आए, तो दादा जी ने उनको घर से निकाल दिया.

चाचा जी घर से चले गये, और कही और जाके उन्होने दूसरी शादी कर ली. अब मेरी चाची अकेली रह गयी थी. दादा जी ने चाची को अपनी बेटी बना कर इसी घर में रहने को कहा. कुछ वक़्त बाद चाची ने जॉब करने का सोचा और मुझे जॉब लगवाने को कहा.

मैं उनको अपने ही शहर में एक कंपनी में जॉब पर लगवा दिया. अब चाची मेरे साथ ही रहने आ गयी. उनके बेटे को उन्होने हॉस्टिल भेज दिया था. मैं ये जान कर बहुत खुश था, की चाची मेरे साथ रहने आ रही थी. फिर वो दिन आ गया, जब चाची आ गयी.

जिस दिन चाची आई, उन्होने जीन्स और त-शर्ट पहनी हुई थी. उनका सेक्सी जिस्म उन कपड़ों में बहुत हॉट लग रहा था. अब हम दोनो घूमते-फिरते, खाते-पीते, और खूब हस्सी मज़ाक करते. हम वो सब कर रहे थे जो हज़्बेंड-वाइफ करते है सेक्स को छ्चोढ़ कर.

लेकिन एक दिन वो भी हो गया. चाची के ऑफीस की एक फ्रेंड का बर्तडे था, और उसने एक नाइट क्लब में पार्टी रखी थी. चाची मुझे भी अपने साथ पार्टी पर ले गयी. जब वो पार्टी पर जाने के लिए तैयार हुई, तो मेरे मूह में उनको देख कर पानी आ गया.

चाची ने एक ब्लॅक कलर की वन-पीस ड्रेस पहनी थी. वो ड्रेस उपर से स्लीव्ले थी, और नीचे से बस घुटनो तक थी. उसमे उनकी पूरी बॉडी शेप दिख रही थी. उनको ऐसे देख कर मेरा लंड मेरी पंत से बाहर आने को हो रहा था.

फिर हम पार्टी पर पहुँच गये. वाहा सब लोग चाची को ही देख रहे थे. उनके कॉलीग्स हमे कपल समझ रहे थे, और चाची ने भी उनको सच नही बताया. मैने देखा जब वो अपनी फ्रेंड्स के साथ थी, तो उनकी फ्रेंड्स ने उनको ज़बरदस्ती दारू पीला दी.

पहली बार दारू पीने पर उनको 2-3 पेग में ही चढ़ गयी. फिर वो मुझे डॅन्स फ्लोर पर ले गयी, और मेरे साथ चिपक-चिपक कर डॅन्स करने लगी. कुछ देर बाद हम पार्टी से बाहर आए, तो वो लड़खड़ा कर चल रही थी. मैने उनको संभाला और गाड़ी में बिताया.

जब मैं गाड़ी में बैठा, तो वो हल्की नींद में थी. उनके होंठ देख कर मेरा दिल उन्हे चूसने को कर रहा था. तोड़ा बहुत दारू का नशा मुझे भी था. फिर पता नही मुझे क्या हुआ, की मैं आयेज बढ़ा, और उनके होंठो पर हल्की सी किस कर दी.

मैने हल्की सी किस इसलिए की, ताकि उनको पता ना चले. लेकिन मेरे किस करते ही उन्होने अपनी आँखें खोल ली. इससे में दर्र गया, और क्या बोलू वो सोचने लगा. इससे पहले मैं कुछ बोलता, चाची ने मुझे कॉलर से पकड़ा, और अपने होंठ मेरे होंठो से चिपका दिए.

मैं समझ गया की वो भी यही चाहती थी. फिर क्या था, हम दोनो पागलों की तरह किस करने लगे. 15 मिनिट किस करने के बाद हम अलग हुए. हम दोनो की आँखों में वासना भारी पड़ी थी. तभी चाची बोली-

चाची: जल्दी घर चलो.

मैने गाड़ी ड्राइव करनी शुरू की, और चाची नीचे होके मेरा लंड बाहर निकाल कर चूसने लगी. बहुत मज़ा आ रहा था. मैं जल्दी घर जाके चाची को छोड़ना चाहता था. फिर हम घर पहुँच गये. मैने गाड़ी पार्क की, और चाची को बाहों में उठा कर लिफ्ट में चढ़ गया. लिफ्ट में हमारी किस्सिंग चलती रही.

फिर हम फ्लॅट के बाहर पहुँचे, और मैने दरवाज़ा खोला. अंदर जाते ही मैने चाची की ड्रेस उतार दी, और उनको बेड पर धक्का दे दिया. ब्रा-पनटी पहने चाची नागिन की तरह बेड पर तड़प रही थी. फिर मैने भी अपने सब कपड़े उतार दिए, और पूरा नंगा हो गया. उसके बाद मैं चाची के बदन को चूमने लगा.

मैने चाची की पनटी उतरी, और उनकी छूट चूसने लगा. वो मस्त मज़ा ले रही थी. फिर मैने अपना लंड उनकी छूट पर सेट किया, और एक ही धक्के में अंदर घुसा दिया. उनकी छूट बहुत टाइट थी, और वो ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने लगी. लेकिन मुझे इससे कोई फराक नही था.

मैं ढाका-धक उनको छोड़ने लगा, और ब्रा खोल कर उनके बूब्स चूसने लगा. कुछ देर में उनका दर्द कम हुआ, और वो भी मज़े लेने लगी. फिर मैने उनको घोड़ी बनाया, और पीछे से उनको छोड़ने लगा. मैं उनकी गांद पर तबला समझ कर थप्पड़ मार रहा था.

उनकी गांद मैने पूरी लाल कर दी थी, और छूट आचे से फाड़ दी थी. पुर रूम में ठप-ठप की आवाज़े आ रही थी. उस पूरी रात मैने बार-बार चाची को छोड़ा. उस रात के बाद से हमारी हर रात रंगीन होती है.

तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी. अगर आपको पसंद आई हो, तो इसको अपने फ्रेंड्स में भी शेर कीजिए. कहानी पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद.