दोस्त ने वॉशरूम में बहन का पानी पिया

ही दोस्तों, मैं राजेश अपनी कहानी का अगला पार्ट आप सब के सामने लेके आया हू. अगर आप लोगों ने पिछला पार्ट नही पढ़ा है, तो प्लीज़ पहले जाके उसको पढ़ ले. उमीद है आपको पिछला पार्ट पसंद आएगा.

पिछले पार्ट में आप सब ने पढ़ा था, की अंकित ने मेरी पर्मिशन लेके मेरी बेहन पर ट्राइ करना शुरू कर दिया था. मेरी बेहन भी उससे बड़ी जल्दी से पट्ट गयी. फिर क्लास के दौरान अंकित पूरा पीरियड बाहर रहा. अब आयेज बढ़ते है.

जब मैने अंकित से पूछा, की वो इतने टाइम में क्या करके आया था, तो अंकित बोला-

अंकित: यार तेरी बेहन कमाल की है. बहुत गर्मी है उसमे. आज तो मज़ा ही आ गया.

मैं: अर्रे सेयेल बता तो सही क्या करके आया है?

अंकित: बताता हू कमीने. पूरी डीटेल में सुन.

अब इससे आयेज की कहानी अंकित के शब्दो में है, जिसमे वो ये बताएगा की वो क्या करके आया था.

यार सबसे पहले तो मैं काजल की क्लास के बाहर से गुज़रा. मैने देखा की वो पीछे से तीसरे डेस्क पर बैठी थी, और टीचर की नज़र में ना आते हुए उसको इशारा किया जेया सकता था. फिर मैं उसकी क्लास के दरवाज़े से तोड़ा डोर खड़ा होके उसको इशारे करने लगा.

उसने मुझे देखा, तो हैरान होके आस-पास देखने लगी की कही किसी और ने मुझे तो नही देख लिया. फिर उसने मुस्कुरा कर मुझसे इशारे से पूछा की मैं वाहा क्या कर रहा था. मैने उसको इशारा करके क्लास के बाहर आने को बोला.

पहले तो वो माना करने लगी, लेकिन मेरे हाथ जोड़ने पर उसने टीचर से वॉशरूम जाने के लिए पूछा, और बाहर आ गयी. फिर हम तोड़ा डोर रह कर वॉक करने लगे, ताकि किसी को शक ना हो. फिर मैने उसको बोला-

मैं: काजल मुझे तुम्हे किस करनी है.

काजल: अंकित तुम पागल हो? हम कॉलेज में है. किसी ने देख लिया तो पंगा पद जाएगा. राजेश भी यही है.

मैं: मुझे अपनी गफ़ को प्यार करने से कोई नही रोक सकता. और वैसे भी इसी में तो मज़ा है, च्छूप-च्छूप कर प्यार करने में.

काजल: नही मुझे रिस्क नही लेना.

मैं: अगर तुम मुझसे प्यार करती हो, तो तुम माना नही करोगी. तुम्हे कसम है मेरी.

ये कसम देके लड़कियाँ हर चीज़ के लिए मान जाती है. काजल भी मान गयी. फिर उसने पूछा-

काजल: लेकिन करेंगे कहा? यहा कॉरिडर में सब के सामने (उसने तंज़ मारते हुए कहा).

मैं: हहहे, नही यहा नही. वॉशरूम में.

काजल: मैं बाय्स वॉशरूम नही जाने वाली.

मैं: तुम्हे किसने कहा है बाय्स वॉशरूम जाने के लिए? मैं गर्ल्स वॉशरूम में अवँगा.

काजल: हाए! तुम दर्र नही लगता.

मैं: मैं किसी से नही डरता.

फिर काजल वॉशरूम की तरफ चल पड़ी. मैने उसको बोला की अगर अंदर कोई ना हो, तो मुझे इशारा कर दे. उसके अंदर जाने के बाद मैं वॉशरूम से डोर खड़े होके उसके इशारे की वेट करने लगा.

फिर जैसे ही वॉशरूम खाली हुआ, काजल ने मुझे इशारा कर दिया. मैं भाग कर वॉशरूम में घुस गया, और हम दोनो अंदर एक कॅबिन मैं चले गये. अब मैं उसके बिल्कुल करीब था. हम दोनो की साँसे तेज़ होने लगी. काजल मुझे देख कर स्माइल दे रही थी, और मैं भी स्माइल कर रहा था.

फिर मैने उसको ई लोवे योउ बोला, और किस करने के लिए आयेज बढ़ा. मैने उसको अपनी बाहों में लिया, और उसके होंठो पर होंठ रख दिए. क्या सॉफ्ट होंठ थे काजल के, एक-दूं रस्स भरे. मैने उसके होंठो का रस्स चूसना शुरू किया. वो भी मुझे कॉपी करते हुए मेरे होंठ चूसने लगी.

अब मैने उसको अपनी बाहों में कॅसा हुआ था, और हम दोनो एक-दूसरे के होंठ चूस रहे थे. उसके मोटे बूब्स मुझे मेरी चेस्ट पर फील हो रहे थे, और मेरा लंड उसकी सेक्सी जांघों को महसूस कर रहा था.

फिर मैं उसकी पीठ पर हाथ फेरने लगा. क्या शेप थी उसकी पीठ की, जैसे कोई मॉडेल हो. फिर मैने अपना हाथ उसके एक चूतड़ पर रखा, और उसको दबाने लगा. जैसे ही मैने उसके चूतड़ को दबाया, उसकी सिसकी निकली, और उसने किस तोड़ दी. उसकी साँसे बहुत तेज़ हो गयी थी. फिर वो बोली-

काजल: आज एक लिए इतना बहुत है. चलो अब चलते है.

तभी 2-3 लड़कियाँ टाय्लेट में आ गयी. मैने गर्ल्स वॉशरूम चुना ही इसलिए था, क्यूंकी वाहा कोई ना कोई आता-जाता रहना था, जिससे वो जल्दी बाहर निकल नही सकती थी, और मुझे पूरा टाइम मिल जाता उसके साथ मज़ा करने का.

अब बाहर तो जेया नही सकते थे, तो मैने फिरसे उसको अपनी तरफ खींच लिया. वो मुझे बोल कर माना भी नही कर सकती थी, क्यूंकी आवाज़ बाहर चली जाती. हा वो मुझे तोड़ा डोर करने की कोशिश ज़रूर कर रही थी. लेकिन मैं भी दीढ़ था, कहा मानने वाला था.

होंठ चूसने से और गांद दबाने से वो पूरी गरम हो गयी थी. फिर मैने उसको घुमाया, और पीछे से उसके साथ चिपक गया. मैने अपने दोनो हाथ उसके बूब्स पर रखे, और उनको दबाने लगा.

साथ में मेरा लंड उसकी गांद पर रग़ाद खा रहा था. अब काजल पूरी गरम हो गयी थी, और कुछ भी करने से माना नही कर रही थी. फिर मैं अपने हाथ बूब्स से नीचे उसकी कमर पर ले गया, और उसकी लेगैंग्स के अंदर डाल कर उसकी पनटी में घुसा दिए.

मेरा दया हाथ सीधे उसकी चूत पर पड़ा, जो बहुत गीली हो चुकी थी. फिर मैने उसकी लेगैंग्स समेत उसकी पनटी नीचे खिसका कर उसके घुटनो पर कर दी. उसके बाद मैं नीचे बैठा, और उसकी गांद में अपना मूह डाल लिया. बड़ी मस्त खुश्बू आ रही थी उसकी गांद में से.

उसके मूह से सिसकारी ना निकल जाए, इसलिए उसने अपना मूह एक हाथ से बंद कर लिया. मैं उसकी गांद के चियर में जीभ मार रहा था. फिर मैने उसको घुमाया, और उसकी छूट चाटने लगा. कुवारि छूट चाटने में इतना मज़ा आ रहा था, की मैं बता नही सकता. मैं कुछ देर छूट चाट-ता रहा, और फिर वो काँपते हुए झड़ने लगी. मैने उसका सारा पानी पी लिया.

अब वो तक कर नीचे बैठ गयी. फिर 5 मिनिट बाद मैने उसको खड़ा किया, और उसने अपने कपड़े पहने. उसके बाद बाहर जब कोई नही था, तो हम दोनो बाहर आ गये.

यहा पर अंकित की कहानी ख़तम होती है. फिर मैने अंकित से कहा-

मैं: तूने इतना सब कर भी दिया.

अंकित: भाई तेरी बेहन बहुत गरम है.

अंकित की बातें सुन कर मेरा लंड भी खड़ा हो चुका था. फिर वो बोला-

अंकित: भाई अब जल्दी से उसको छोड़ने की सेट्टिंग करते है.

इसके आयेज की कहानी आपको अगले पार्ट में पढ़ने को मिलेगी. अगर आपको कहानी पढ़ कर मज़ा आ रहा हो, तो इसको अपने सभी फ्रेंड्स के साथ भी शेर करो. कहानी पढ़ने के लिए धन्यवाद.