दोस्त की कामुक माता जी की चुदाई की कहानी

हेलो दोस्तों कैसे हो आप सब? मेरा नाम प्राश है और ये मेरी पहली सेक्स कहानी है। ये मेरे साथ घटी हुई एक सच्ची कहानी मैं आप सब को बता रहा हूं। ये कहानी मेरी और मेरे दोस्त की मां के बारे में है। मैं महाराष्ट्र के नासिक में रहता हूं।

मेरे बारे में बता देता हूं। मैं 21 साल का लड़का हूं। मेरी हाइट 6 फीट है, और मेरी बॉडी फिट है। जिम जाता हूं, लेकिन एब्स नहीं है फ़िलहाल। मेरे दोस्त का नाम शिवम है, और वो मेरे साथ पढ़ता है। उसकी मां का नाम ममता है।

आंटी के बारे में बता देता हूं। गदरायी हुई फिगर है 42-40-46। उनकी गांड के बहुत सारे दीवाने है। आंटी गली में चलती है, तो बूढ़े भी उनकी गांड को देख के जवान हो जाते है। मैंने कई बार उनकी तस्वीर को देख के हिलाया था। एक बार शिवम और मैं हॉल में बैठे थे। आंटी किचन में थी, और मिरर में दिख रही थी।

उनकी गांड को देख के मेरा लंड खड़ा हुआ, और मैंने आधे घंटे तक मेरा खड़ा लंड दोस्त को और आंटी को दिख ना जाये इसलिए उस पर तकिया रखा,‌ इतनी ख़तरनाक माल है आंटी। शिवम के पापा बाहर रहते है, और महीने में एक बार घर आते है। उसके पड़ोस में ही शिवम के मामा और मामी भी रहते है। कहानी की शुरुआत करते है।

मैं आंटी से सबसे पहले 2 साल पहले मिला। शिवम मेरा दोस्त था, तो मैं अक्सर उसके घर पे जाता था। आंटी मेरा बहुत ख्याल रखती थी। कभी भी खाना खाए बिना घर नहीं जाने देती थी। वह अपने बेटे की तरह मुझसे बर्ताव करती थी। 6 महीने में आंटी और मेरी अच्छी जमने लगी। अब जब शिवम घर पे नहीं होता था, तब भी मैं घर पे जाता था।

एक बार शिवम के घर गया तो पता चला वो बाहर गया था कुछ काम से, थोड़ी देर बाद आयेगा। आंटी ने मुझे रुकने के लिए कहा और आंटी चाय बनाने के लिए चली गई। वहां मिरर में मुझे सब दिख रहा था। आंटी ने एक हरे कलर की साड़ी पहनी थी, जिससे उनकी गांड बहुत बड़ी दिख रही थी, और उनके बूब्स आए-हाए, लाल कलर की ब्लाउज में ऐसा लग रहा था कि बस अब जाके सीधा दबा दूं।

मैं बस उनको ही देख रहा था, और मेरे मुंह से लार टपकाए जा रहा था। इतने में वो चाय लेकर आयी, और मुझसे बात करने लगी। अब मेरा लंड तो उनको देख के खड़ा हो गया, और मैं बस उनके बूब्स को देख रहा था। पता नहीं आंटी ने देखा या नहीं देखा, वो बस मुझे देख के मुस्कुरायी और अंदर चली गई। इससे पहले में कुछ सोच पाता शिवम घर पे आ गया। फिर हमने थोड़ा वीडियो गेम खेला, और मैं घर आ गया। लेकिन आंटी की वो लाल ब्लाउज में बूब्स का नज़ारा कैसे भूल पाता। वो नजारा याद करके मैंने 2 बार हिला लिया।

उसके 2 दिन बाद ही मैं शिवम के साथ फिर उसके घर गया। आंटी कही दिखाई नहीं दे रही थी। शायद अंदर हो ये समझ कर हम टीवी देखने लगे। शिवम जाकर कोल्ड ड्रिंक लेके आया और हम पीने लगे। थोड़ी सी कोल्ड ड्रिंक मेरी शर्ट पे गिर गई। मुझे लगा शर्ट और ख़राब ना हो, इसलिए मैं बाथरूम की तरफ़ गया, वहीं पे बेसिन था इसलिए। मैंने देखा कि बाथरूम का दरवाज़ा खुला था, और अंदर से आवाज़ आ रही थी।

अंदर का जो नजारा था, मैं वो देख के अपने होश खो बैठा। मैंने देखा कि आंटी नहाने की बजाय अपनी चूत में उंगली अंदर-बाहर कर रही थी, और सिसकारियां ले रही थी। उनकी सिसकारियां किसी को भी मदहोश कर सकती थी उस वक़्त। ऐसा नजारा मैंने पहले कभी नहीं देखा था।

आंटी अंदर चूत में उंगली कर रही थी, और मैंने अपना 7 इंच का लंड बाहर निकाला। अब मुझसे रहा नहीं जा रहा था। मैं बस आंटी को देख कर हिला रहा था। क़रीब-क़रीब 5-7 मिनट बाद मुझे आवाज़ देते-देते शिवम वहां आने ही वाला था, कि मैं फटाफट वहां से निकला। थोड़ी देर बाद आंटी भी स्नैक्स लेके आयी। उन्होंने गाउन पहना हुआ था ब्लैक कलर का, लेकिन उसमें भी वो ग़ज़ब लग रही थी। मुझे तो बस बाथरूम वाला सीन दिख रहा था, और आंटी नंगी दिख रही थी, और मैं बस अब आंटी को चोदने के सपने देखने लगा। मुझे बस एक मौक़ा चाहिए था।

अब मुझे लगा कि अब मुझे मौक़ा मिला था। शिवम पुणे गया था किसी को ना बताये। आंटी ने मुझे कॉल किया और घर पे बुलाया। मैं गया मुझे पता नहीं था क्यों बुलाया था। आंटी ने एक काले रंग की साड़ी पहनी हुई थी, और एक-दम टाइट ब्लाउज पहना हुआ था, जिससे उनके बॉल बाहर आने को देख रहे थे। आंटी मुझे देख के ही रोने लगी। उनका और शिवम का झगड़ा हुआ था, और वो किसी को बिना बताये पुणे चला गया (शिवम उसकी गर्लफ्रेंड सोनल से मिलने गया था, मैं पहले ही सोनल को 2 बार चोद चुका था, वो कहानी कभी और)।

आंटी रोते-रोते शिकायत कर रही थी, और मैं बस आंटी के क्लीवेज को देख रहा था। ऐसा लगा अब बस सीधे आंटी के चूचे मसल डालू। पर वो रो रही थी। मैं उन्हें समझाने के लिए उनके पास गया। उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और उनकी साइड में बिठाया। मैं उनको समझाने लगा कि रोइये मत, सब ठीक हो जाएगा वगैरह-वगैरह।

मेरी नज़र उनकी लिपस्टिक पे पड़ी, उन्होंने काली लिपस्टिक लगायी थी। मुझे ममता आंटी को किस करने का मन किया। मैंने उनके चेहरे को पकड़ा और फ़्रेंच स्टाइल में किस करने की कोशिश की। मैंने उनके ऊपर के लिप्स को चूसना चालू किया। वो बिल्कुल हैरान थी। उनको कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे। उन्होंने रोकने की कोशिश की, पर आज मुझमें बहुत हिम्मत आ गई थी, और मुझे ऐसा मौक़ा भी दोबारा कहा मिलने वाला था।

लेकिन अब उन्हें भी मज़ा आने लगा। हम दोनों की किस क़रीब 10 मिनिट तक चली। मैंने फिर उनके ब्लाउज में हाथ डाला। कुछ कर ही पाता कि उसमें दरवाज़े की घंटी बजी। शिवम का मामा खड़ा था। फिर हमने थोड़ी गप्पे लड़ाई, लेकिन मेरा ध्यान बस ममता आंटी पे था, और वो थोड़ी परेशान थी। थोड़ी देर हो गई तो मुझे घर आना पड़ा।

ममता आंटी ने मुझे मैसेज किया कि जो हुआ वो बहुत ग़लत हुआ, और मैं ये सब भूल जाऊ। लेकिन अब मुझे बस एक आख़िरी मौक़े का इंतज़ार था। लगभग उसके अगले हफ़्ते मैं और शिवम उसके घर पे पढ़ाई कर रहे थे। आंटी नहाने जाने की तैयारी कर रही थी, क्यूंकि मैंने देखा कि उन्होंने गरम पानी का नल चालू किया था, और टॉवल और अपने कपड़े लेने अपने रूम में चली गई।

मैं शिवम को बोला: तू पढ़ाई कर, मैं थोड़ा वाशरूम जाके आता हूं।

और मैं जाकर बाथरूम में पर्दे के पीछे छुप गया। आंटी आयी, और अपने कपड़े निकालने लगी। मैं पीछे से आया, और उनकी गर्दन पे चूमने लगा। आंटी मुझे रुकने को कह रही थी, पर आज मैं बिल्कुल मानने वाला नहीं था। मैंने किस करते हुए ही उनकी पैंटी में हाथ डाला, और उनकी चूत को सहलाने लगा। अब आंटी भी मना नहीं कर रही थी। अब वो भी मूड में आ गई ऐसा लगा।

फिर तो मैंने बिल्कुल देर नहीं की। उनकी सफ़ेद कलर की ब्रा निकाली, और उनके चूचे को दबाने लगा। एक-दम गोरे-गोरे चूचे थे, वो और गुलाबी निप्पल। मैं बस चूसने लगा। क़रीब 5 मिनट चूसने के बाद मैंने अपना 7 इंच का लंड बाहर निकाला, और आंटी एक-दम शॉक हो गई। इससे पहले उन्होंने इतना बड़ा लंड कभी नहीं लिया था। वो बोली कि, “मेरे पति का लंड बस 4 इंच का है”।‌

मैंने ममता आंटी को घुटनों पे बिठाया और अपना लंड चुसवाया। वो आवाज़ निकाल निकाल के मेरे लंड को चूस रही थी। फिर मैंने उनकी चूत को चाटना चालू किया, और वो मेरा लंड चूस रही थी 69 पोजीशन में। अब मैंने उनको वही खड़ा किया, और अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया।

इससे पहले उन्होंने इतना बड़ा लंड कभी नहीं लिया था। तो वो एक-दम चिल्ला उठी दर्द से। मैंने उनकी पैंटी उनके ही मुंह में डाल दी, और आराम-आराम से धक्के मारने लगा। फिर थोड़ी देर बाद धक्कों की स्पीड बढ़ा दी।

तभी बाहर बाथरूम पे एक दस्तक हुई और शिवम अपनी मां को आवाज़ लगा रहा था। तो ममता आंटी डर गई। मैंने उनको शांत रहने को बोला, और उन्होंने शिवम को अंदर से ही आवाज़ लगा कर बाज़ार से सामान लाने को कहा, और पर्स में से पैसे लेने को कहा।

फिर 5 मिनट बाद वो चला गया। अब हमें हमारा अधूरा काम पूरा करना था। मैंने ममता आंटी को बेड पे जाके लिटाया, और उनकी चूत में लंड डाल के उनको ज़ोर-ज़ोर से चोदने लगा। अब वो आनंद से चिल्ला रही थी, और मुझे गाली दे रही थी कि, “मादरचोद तूझे अपना बेटा माना था मैंने, तूने अपनी मां को ही चोद दिया, मादरचोद”। ये सुनके मैं और जोश में आ गया और धक्के मारने लगा।

आंटी ने झड़ दिया लेकिन मेरा अभी बाक़ी था। तो मैंने आंटी के मुंह में लंड डाल के उनको चूसने को कहा और फिर उनके मुंह में ही झड़ दिया और उन्होंने मेरा कम पी लिया। फिर मैं आंटी को लेके बाथरूम में चला गया। हमने एक साथ शावर लिया, लेकिन अंदर जाके मेरा लंड फिर खड़ा हुआ। अब मैंने आंटी की चूत में उंगली करनी चालू करी। आंटी फिर गीली हो गई। अब मैंने सीधा लंड आंटी की चूत में डाला, और धक्के पे धक्के मारने लगा। आंटी को चिल्लाता देख मुझे और जोश आ रहा था।

अब मैंने भी गालीया देनी शुरू कर‌ दी, “साली चुदक्कड़ रांड पहले तो नख़रे कर रही थी, और अब मेरा लंड मज़े से ले रही है”। तो ममता आंटी ने भी कहा, “अब तो मैं हमेशा तेरे लंड के लिए तैयार हूं। आज तक मेरी ऐसी चुदाई कभी नहीं हुई। मेरा चूतिया पति महीने एक बार चोदता है, वो भी 4 इंच के लंड से। तेरी तरह आज तक मुझे नहीं चोदा किसी ने।

मैंने उसको चोदा और फिर नहा के बाहर निकला। थोड़ी देर बाद शिवम सामान लेके आया और मैंने उसको बोला, “देर हो गई है, अब घर जाना चाहिए”। तो मैं घर पे वापस आ गया।

तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी। उम्मीद है आपको पसंद आ गई होंगी। मेरी दोस्त की मां ममता आंटी को मैंने बाद में भी चोदा, उसका पार्ट भी मैं लेके आऊंगा। तब तक के लिए अलविदा। फीडबैक दे