दोस्त दोस्त में होवे गांद-फाड़ चुदाई

हेलो दोस्तों, मैं आपका मृदुल आज फिर आपको अपनी नयी कहानी बताने वाला हू. आपको तो मेरे बारे में पता ही है, रंग गोरा, मोटे निपल्स और उभरी हुई गोल गांद है. तो सीधे कहानी पर आता हू.

मुझे किसी काम से देल्ही जाना था एक मंत के लिए. मुझे देल्ही में एक मंत के लिए अपने रहने की अरेंज्मेंट करनी थी. फिर मुझे याद आया की साकेत देल्ही में ही जॉब करता था. मैने और साकेत ने दो साल तक एक साथ काम किया था. उसके बाद वो देल्ही चला गया.

मैने उसको कॉल की और पूरी बात बताई. वो मान गया, क्यूंकी वो अकेला ही रहता था फ्लॅट में. मैं रात को 11 बजे देल्ही पहुँचा. साकेत मूज़े स्टेशन पर लेने आया. उसके फ्लॅट पर हमने खाना खाया, थोड़ी देर बातें की और फिर सो गये.

सुबा हम दोनो तैयार हो कर काम के लिए निकल गये. दोपहर को हम वापस आए. खाना हम बाहर रेस्टोरेंट में खा कर आए. इतनी गरमी थी, की मेरा अंडरवेर भी पसीने से गीला हो गया था.

साकेत ने अपने सारे कपड़े उतार दिए, और कमर पर गमछा लपेट लिया. उसने मुझे भी गमछा दिया लपेटने को. फिर उसने फ्रीज़र से दारू निकली, और हम दोनो ड्रिंक करने लगे. दो पेग पीने के बाद हम दोनो थोड़े नशे में हो गये.

साकेत: तेरे निपल्स तो लड़कियों के माममे जैसे है.

मैं भी नशे में था, और अपने निपल्स पर हाथ रख कर शरमाने की आक्टिंग करने लगा. एक पेग और पीने के बाद उसने अपना गमछा उतार कर मेरे बूब्स पर रख दिया.

साकेत: सच काहु जब हम साथ काम करते थे, तो हर रात मैं तेरे नाम की मूठ मारता था. कब तेरी गांद में लंड डालूँगा, यही सोचता रहता था.

थोड़ी देर बाद उसने मेरे जिस्म से दोनो गँचे हटा दिए. फिर साकेत ने मेरे होंठो पर अपने होंठ रख दिए और मुझे लीप किस करने लगा. उसके बाद उसने मुझे बेड पर लिटा दिया, और मेरे उपर आ कर लेट गया.

वो फिर मेरे होंठो को चूसने लगा. उसने अपनी जीभ मेरे मूह में डाल दी. वो मेरी नेक, रलोब पर किस और बीते करने लगा. फिर वो मेरे बूब्स को सहलाने लगा. बूब्स सहलाते हुए वो बोला-

साकेत: मेरी जान, आज तेरे माममे चूस-चूस के लाल कर दूँगा.

मे: मेरे राजा, चूस ले आज आचे से, निचोढ़ दे आज इनको.

साकेत मेरे दोनो निपल्स को चूमने और मसालने लगा. मैं आहें भरने लगा. उसने मेरे निपल्स पर अपनी जीभ घुमणि शुरू कर दी. मैं ऐसे आहें भर रहा था, जैसे एक औरत को एक मर्द प्यार कर रहा हो.

मेरे निपल्स चूसने के बाद, वो मेरे पुर बदन को चूमने और काटने लगा. उसका मेरे जिस्म को चूमना, काटना मेरे गरम जिस्म को ठंडक देने जैसे था.

फिर साकेत सीधे लेट गया. मैने उसके लंड को पकड़ा, और उसको सहलाने लगा. उसका लंड तंन कर खड़ा हो गया. फिर मैने उसके लंड के सूपदे को किस की. तभी वो बोला-

साकेत: मेरी जान, आचे से प्यार कर इसको. बहुत ज़्यादा तडपा है ये तेरे लिए.

मैं उसके लंड के टोपे को जीभ से चाटने लगा. फिर मैने उसके लंड को मूह में ले लिया. मैने लंड को जैसे ही मूह में लिया, उसके मूह से अया निकालने लगी. मैं प्यार से उसका लंड चूसने लगा. बाज़ा मज़ा आ रहा था हम दोनो को. मैने उसके लंड को खूब चूसा.

साकेत: आआआः अयाया जान बहुत मज़ा आ रहा है. ऐसे ही करते रहो.

फिर साकेत ने मुझे घुटनो पर बिता दिया, और खड़े हो कर लंड मेरे मूह में पेलने लगा. वो मेरे सर को पकड़ कर मेरे मूह में झटके पर झटके दे रहा था. एक ज़ोर के झटके के साथ ही उसने अपने लंड का सारा माल मेरु हलाक में उतार दिया. मैं उसका सारा माल निगल गया. फिर मैने उसके लंड को जीभ से चाट कर सॉफ किया.

साकेत ने मुझे उल्टा लिटा दिया, और अपने हाथो से मेरे चूतड़ फैला कर मेरी गांद के च्छेद को अपनी जीभ से चाटने लगा. उफफफ्फ़ क्या मस्त मज़ा आ रहा था. मैं नीचे से उसका लंड चूसने लगा. फिर उसने लंड पर तेल लगा कर उसको चिकना कर दिया.

साकेत ने अपने लंड के टोपे को मेरी गांद के च्छेद पर सेट किया, और मुझे कमर से पकड़ लिया. फिर उसने एक ही झटके में अपना पूरा मूसल लंड मेरी गांद में पेल दिया. मुझे बहुत दर्द हुआ, और मैं चीखने लगा आहह आहह. उसका लोड्‍ा बहुत कड़क था. उसका लोड्‍ा मेरी गांद फाड़ते हुए पूरा अंदर चला गया.

साकेत ने मुझे घोड़ी बना कर कमर से पकड़ लिया, और बिना रुके घपा-घाप मेरी गांद छोड़ने लगा. मैं अधमरा हो रहा था, चिल्ला रहा था दर्द से. लेकिन वो मेरी चीखे सुन कर और जोश से छोड़ रहा था. वो मस्त हो कर झटके पर झटके मारते हुए मेरी गांद को पेल रहा था. फिर वो बोला-

साकेत: मेरी जान, दो साल से प्यासा था मैं तेरी गांद का. अपने लोड से पेल कर आज तुझे अपनी रंडी बनौगा साली.

मेरा दर्द भी अब कम हो गया था. उसकी ऐसी बातें मेरी मस्ती बढ़ा रही थी. मैं भी गांद उछाल-उछाल के चूड़ने लगा. फिर मैं बोला-

मे: छोड़ मेरे राजा, फाड़ दे अपने लंड से मेरी इस गांद को.

साकेत: चुड साली मेरे लोड से. माखन जैसी गांद है तेरी. बहुत तडपा हू इसके लिए. आज से तू मेरी रंडी है.

साकेत ने मेरी टांगे अपने कंधो पर रख ली, और मुझे गोदी में उठा कर छोड़ने लगा. वो पूरी स्पीड से अपनी कमर को हिलाते हुए, अपने लंड से मेरी गांद को पेल रहा था. रूम में ठप-ठप की आवाज़ गूँज रही थी. उसका हर झटका मुझे मदहोश कर देता.

साकेत ने अपने झटको की स्पीड एक-दूं बढ़ा ली, और हानफते हुए मेरी गांद में अपना गरम लावा निकाल दिया. वो मेरी कमर को खींचते हुए लंड को अंदर जड़ तक ले गया, और अपना सारा माल निकाल दिया. फिर वो मेरे उपर ही लेट गया और हम दोनो नंगे सो गये.

तो दोस्तों ये थी मेरी कहानी, प्लीज़ कॉमेंट करके बताना आपको कैसी लगी. मेरी एमाइल ईद है