ही दोस्तों, मेरा नाम देव है, और मैं अपनी कहानी के अगले पार्ट के साथ आप सब के सामने हाज़िर हू. पिछले पार्ट को आप सब ने बहुत प्यार दिया. उमीद करता हू, की आप सब इस पार्ट को भी प्यार देंगे. जिन लोगों ने पिछला पार्ट नही पढ़ा है, वो प्लीज़ पहले जाके पिछला पार्ट ज़रूर पढ़े.
पिछले पार्ट में आपने पढ़ा की कैसे मैने अपनी साली कणिका को बीच पर बुला कर छोड़ा. अब हमारी चुदाई ख़तम हो चुकी थी, और मैने अपना माल उसके अंदर ही निकाल दिया था. चलिए आगे बढ़ते है.
मैं कणिका के साथ रेत पर लेता हुआ था. तभी मैने उसको कहा-
मैं: कणिका, तुम बहुत हॉट हो. मज़ा आ गया मुझे तुम्हे छोड़ कर.
कणिका बोली: जीजू आप भी बहुत हॉट हो. कमाल की चुदाई करते हो आप भी. वैसे एक बात पूचु जीजू आप से?
मैं: हा ज़रूर पूछो.
कणिका: आपको प्रिया दीदी कैसी लगती है?
मैने सोचा की ये इस तरह का सवाल क्यूँ पूच रही है. फिर मैने उसको बोला-
मैं: प्रिया अची है. क्यूँ क्या हुआ?
कणिका: क्या आप उन्हे भी छोड़ सकते हो?
क्या! ये कणिका मुझसे क्या कह रही थी. क्या मेरे कान खराब हो चुके थे? प्रिया भी मुझसे छुड़वाना चाहती थी? अगर ऐसा था तो मुझे पता क्यूँ नही चला? प्रिया ने मुझे कभी ऐसा कोई हिंट क्यूँ नही दिया?
ये सब सवाल मेरे दिमाग़ में आने शुरू हो गये थे. फिर मैने कणिका से पूछा-
मैं: कणिका ये तुम क्या बोल रही हो?
कणिका: जीजू इसमे क्या वाली क्या बात है. सीधा सा सवाल है. क्या आप प्रिया दीदी को भी छोड़ सकते हो या नही.
मैने सोचा की अगर वो सीधा सवाल पूच रही थी, तो मैं भी सीधा जवाब दे देता हू. ये सोच कर मैने बोला-
मैं: अगर वो मुझसे चूड़ना चाहेगी, तो मैं ज़रूर उसको छोड़ूँगा. क्यूँ उसको भी मुझसे चूड़ना है?
कणिका: ह्म.
मैं उसकी ह्म सुन कर खुश हो गया. फिर मैने उससे पूछा-
मैं: लेकिन वो मुझसे चूड़ना क्यूँ चाहती है?
कणिका: जीजू जिस तरह से आप उस दिन दीदी को छोड़ रहे थे. आपकी पर्फॉर्मेन्स देख कर कोई भी लड़की आप से चूड़ना चाहेगी.
मैं: लेकिन उस दिन तो रूम के बाहर सिर्फ़ तुम थी.
कणिका: मेरे साथ मेरा फोन भी तो था. मैने आपकी चुदाई रेकॉर्ड कर ली थी. फिर रूम में जाके मैने वो रेकॉर्डिंग प्रिया दीदी को दिखाई. उसके बाद वो भी आपकी फन हो गयी. अब भी प्रिया दीदी को पता है की मैं आपके साथ यहा क्या कर रही हू. ऐसे थोड़ी ना मैं आ सकती थी.
ओह तेरी! मैं जितना समझता था, ये बहने उससे कही ज़्यादा चालू थी. लेकिन खुशी इस बात की थी, की अब प्रिया को भी छोड़ने का मौका मिल गया था. फिर मैने कणिका को कहा-
मैं: चलो फिर साली जी, मुझे अपनी दूसरी साली के पास ले चलो.
फिर हम दोनो खड़े हुए, और अपने-अपने कपड़े पहने. उसके बाद हम उनके रूम की तरफ चल पड़े. कणिका ने रूम का दरवाज़ा खोला, और लाइट ओं की. प्रिया सामने बेड पर सोई हुई थी. प्रिया ने पाजामा और त-शर्ट पहनी हुई थी, और वो गहरी नींद में थी.
तभी कणिका प्रिया को उठाने लगी, तो मैने उसको रोक दिया. मैं प्रिया की तरफ बढ़ा, और कणिका ने दरवाज़ा बंद कर दिया. प्रिया के पास जाके मैने पहले अपने कपड़े उतार दिया. फिर नंगा होके मैं उसके साथ लेट गया. मैने उसके पेट पर हाथ रखा, और उसकी त-शर्ट उपर करने लगा.
जैसे ही मुझे उसका पेट दिखा, तो मैं उसको चूमने लग गया. फिर मैने उसका पाजामा नीचे किया, और उसके घुटने तक कर दिया. उसकी पनटी थोड़ी गीली थी. शायद उसने छूट सहलाई होगी. पहले मैने उसकी छूट को पनटी के उपर से सूँघा, और फिर पनटी भी नीचे कर दी.
अब उसकी चिकनी छूट मेरे सामने थी. मैने एक सेकेंड भी देर नही की, और उसकी छूट चाटने लग गया. मैं ज़ोर-ज़ोर से उसकी छूट चाटने लग गया. वो नींद में ही आ आ करने लग गयी. तभी उसकी आँख खोली, और जब उसने मुझे नीचे देखा, तो वो बोली-
प्रिया: जीजू! आप ये क्या कर रहे हो?
मैं: क्यूँ नही करवानी क्या चुदाई.
तभी कणिका बोली: दीदी मैने जीजू को बता दिया है.
प्रिया: करवानी है जीजू, बहुत ज़ोर की करवानी है.
ये बोल कर प्रिया ने मुझे धक्का देके बेड पर लिटाया, और खुद मेरे उपर आ गयी. फिर उसने मेरा लंड पकड़ा, और उसको ज़ोर-ज़ोर से हिलने लगी. उसने मेरा लंड चाटना शुरू कर दिया. वो इतनी हॉर्नी थी, इस बात का अंदाज़ा नही था मुझे. फिर उसने मेरे लंड को अपने मूह में डाल लिया, और ज़ोर-ज़ोर से चूसने लग गयी.
मैं भी उसके सर पर हाथ रख उसका सर अपने लंड पर दबाने लगा, और उसको चोक करने लगा. हमारी पर्फॉर्मेन्स देख कर कणिका भी गरम हो गयी, और अपनी छूट सहलाने लगी. फिर प्रिया मेरे उपर आ गयी, और अपनी त-शर्ट और ब्रा भी उतार दी.
उसके बाद वो आयेज-पीछे होके अपनी छूट मेरे लंड पर रगड़ने लगी. सब कुछ वही कर रही थी, और मुझे कुछ करने की ज़रूरत नही पद रही थी. फिर उसने लंड अपनी छूट पर सेट किया, और जीजू आ जीजू आ करते हुए पूरा लंड अपनी छूट में ले लिया.
उसके मेरे हाथ अपने बूब्स पर रखवाए, और मेरे लंड पर किसी सस्ती रंडी की तरह उछालने लग गयी. प्रिया की छूट टाइट थी, लेकिन ये उसकी पहली चुदाई नही थी. मैने भी उसकी गांद पर हाथ रखे, और उसको उछालने में सपोर्ट करने लगा. कणिका हमे देख कर फिंगरिंग कर रही थी.
फिर मैने उसको अपने लंड से उतरा, और घोड़ी बना लिया. उसके बाद मैने पीछे से लंड उसकी छूट में घुसा दिया, और तबाद-तोड़ उसकी चुदाई करने लगा. वो आ आ करते हुए मेरा नाम ले रही थी. क्या मस्त रंडी थी प्रिया.
थोड़ी देर में वो मुझे बस करने के लिए बोलने लगी. मैं समझ गया की वो झाड़ चुकी थी, और अब उसकी छूट दर्द होने लगी होगी. लेकिन मेरा अभी नही हुआ था, और मैं धक्के मारता गया. अब उसका दर्द बढ़ गया था, और मेरा मज़ा बढ़ गया था.
उसके झड़ने के 15 मिनिट तक मैने उसकी ज़बरदस्त ठुकाई की. उसके बाद मैने अपना माल उसकी छूट में ही निकाल दिया. उधर कणिका भी झाड़ चुकी थी. उस दिन के बाद से मेरी सालियन मेरी रंडियन बन गयी.
दोस्तों अगर आपको ये सीरीस पढ़ कर मज़ा आया हो, तो इसको अपने फ्रेंड्स के साथ जितना हो सके शेर करे. ताकि मेरी कहानी पूरा देश पढ़े.