कहानी जिसमे भाई ने की बहन की तगड़ी चुदाई

नमस्कार दोस्तों, ये मेरी पहली कहानी है जो मैं यहा लिखने जेया रहा हू. कहानी शुरू करने से पहले मैं आपको मेरी फॅमिली के लोगों के बारे में बता देता हू. मेरे घर पर 4 लोग है- मेरे पापा (आगे 46), मा. (आगे 44), मेरी बेहन(आगे 23) और मैं (आगे 20).

मेरे पापा एक स्कूल टीचर है, और मा हाउसवाइफ. मेरी बेहन ने अभी ही अपनी पढ़ाई पूरी की है. लेकिन उसे नौकरी मिल नही रही है, जिसके कारण मेरी मा का कहना था की इसकी शादी करा देते है, और जब नौकरी लगनी है तब लग जाएगी. मैं अभी अपनी इंजिनियरिंग के 2न्ड एअर में था.

बेहन के लिए ढेर सारे रिश्ते आते थे, और जो भी लड़का मेरी बेहन को देखने आता था, वो सब उनकी तरफ से हमे लड़की पसंद है ऐसा ही बोलते थे. क्यूंकी बात ही कुछ ऐसी थी मेरी बेहन में. जब बदन ही इतना कमाल का हो तो किसी की भी नीयत खराब हो जाए. उसका गोरा सा मखमली बदन देख के तो कोई भी उसको अपने लंड पर उछालना चाहेगा.

मेरी बेहन के फिगर के बारे में बतौ तो दूध की तरह गोरी है. उसका फिगर 36-28-36 है, और हाइट 5’8″ है. 23 साल की उमर में उसका ये फिगर था, जो किसी को भी अपनी तरफ आकर्षित कर सके. और मेरे घर वाले हमेशा ही उसे जैसे भी कपड़े पहनने हो वैसे रहने की पूरी आज़ादी दे चुके थे.

घर पर वो अक्सर छ्होटे-छ्होटे कपड़े पहन कर मुझे, पड़ोसियों, और अपने दोस्तों को उत्तेजित करती थी. काफ़ी ढूँढने पर एक रिश्ता आया. लड़का मुंबई में जॉब करता था, और 25 लाख का साल का पॅकेज था. तो मेरे घर वालो ने उसे हा बोल दिया. शादी बड़ी ही धूम-धाम से हुई, और बेहन जीजा जी के साथ बंगलोरे रहने लगी.

बेहन उसके साथ काफ़ी खुश थी. बीच-बीच में हमे फोन करती, और हमसे ढेर सारी बातें करती. तो अब शादी को 6 महीने हो चुके थे, और अब दीवाली आ चुकी थी. मेरी बेहन की उस घर में पहली दीवाली थी. तो मेरे जीजा जी ने प्लान बनाया की उसके परिवार के लोग और मेरे परिवार के लोग दीवाली में राजस्थान घूमने जाएँगे.

मेरी भी दीवाली की कॉलेज में 15 दिन की छुट्टी थी, तो मैं आने के लिए मान गया, और पापा की स्कूल को भी छुट्टी थी, तो वो भी मान गये. फिर हम सब 30-35 लोग राजस्थान के लिए निकल गये.

जीजा जी ने एक होटेल बुक किया था, जो काफ़ी महँगा था, और दीवाली की वजह से वाहा काफ़ी भीड़-भाड़ भी थी. वाहा पहुँचते ही हम काफ़ी तक चुके थे, और समय भी रात का हो चुका था, और हमने कुछ खाया भी नही था तो हमे भूख भी लगी थी. फिर हम सब ने खाना खाया, और अपने-अपने रूम में जेया कर सो गये.

अगले दिन भी हम देर तक सोते रहे. अगले दिन हम दोपहर 1 या 2 बजे उठे, और हम सब नाश्ता करने नीचे हॉल में आए. लेकिन वाहा दीदी और जीजू नही थे. तो सारे रिश्तेदार कहने लगे की ये दोनो अभी भी सो रहे होंगे, तो जेया कर उन्हे बुला लाओ. तो मैं उनके रूम की तरफ चला गया.

रूम के पास पहुँचते ही मैने आवाज़ लगाई, लेकिन कुछ देर तक किसी ने दरवाज़ा खोला नही. तब मैने देखा की दीदी के रूम का दरवाज़ा खुला ही था. तो मैं अंदर झाँक कर देखने लगा. मैने देखा की बेहन अभी-अभी नहा कर आई थी, और उसने बात-सूट पहना था, और जीजू भी जस्ट अभी उठे ही थे, लेकिन नींद में ही थे. बेहन जैसे ही बातरूम से बाहर निकली, और अपने बाल सूखने लगी, वैसी ही मेरे जीजा जी ने उसे पीछे से पकड़ लिया, और उसको छिपकने लगे.

तभी दीदी कहने लगी: अर्रे क्या कर रहे हो? कोई देख लेगा. लगता है कल रात से पेट भरा नही.

तो जीजा जी कहते है: तुम्हारी जैसी से तो ज़िंदगी भर प्यास ना बुझे.

और उसका बातरोब खोल दिया. दीदी ने अंदर कुछ भी नही पहना था और उसके चूचे और छूट सॉफ दिखाई दे रही थी.

मैने तुरंत अपना फोन निकाल लिया और रेकॉर्ड करने लगा. जीजा जी ने तुरंत अपनी पंत नीचे की, तो दीदी की छूट में एक झटके में लंड डाल दिया और ज़ोर-ज़ोर से उसकी मारने लगे. दीदी थोड़ी सी चिल्लाई, और मज़े में चुड़वति रही. ये सिलसिला उनका 25 मिनिट तक चला. जीजा जी के स्टॅमिना को मानना पड़ेगा. वो दीदी को बिस्तर पर लेकर गये, और नंगी दीदी को फेंक दिया और उसके उपर कूद गये और छोड़ने लगे.

वीडियो लगभग 40 मिनिट का बन गया था, तो मैने वो बंद कर दिया. अपनी दीदी को ऐसे कुटिया की तरह चूड़ते मुझसे देखा नही गया, और मैं सीधा डाइनिंग हॉल में आ गया. मैने कह दिया की वो आ रहे थे. हम सब ने नाश्ता किया, और तब तक दीदी और जीजा जी भी नीचे आ गये थे. दीदी बड़ी खुश लग रही थी, जैसे कुछ हुआ ही नही हो. जब की अभी थोड़ी देर पहले कुटिया की तरह चुड रही थी.

फिर हम सब ने राजस्थान घूमने का प्लान बनाया. पर मैने बहाना किया की ट्रॅवेलिंग की वजह से सर दर्द हो रहा है, तो मैं नही अवँगा और अपने रूम में ही सौंगा. लेकिन मुझे वो वीडियो देखना था.

सब लोग तैयार हो कर घूमने निकल गये, और मैने अपने मोबाइल को रूम के टीवी से कनेक्ट किया और देखने लगा. पता नही उस वीडियो में ऐसा क्या जादू था. अपनी सग़ी बेहन को जिसके साथ मैने अपना पूरा बचपन गुज़ारा था, मुझे उसकी तरफ बहुत आकर्षित महसूस होने लगा, और दीदी को छोड़ने की इक्चा होने लगी. अपनी दीदी को इतना बड़ा लंड अपने अंदर बिना किसी झिझक लेता देख तोड़ा बुरा भी लग रहा था.

मैने तान लिया था की मैं कुछ भी करूँगा, लेकिन अपनी बेहन को छोड़ूँगा, और वो भी इसी होटेल में. फिर मैने प्लान बनाया की मैं अपनी बेहन को वीडियो दिखा कर छोड़ूँगा. मैने तुरंत कपड़े पहने, और तोड़ा छाई पीने के लिए बाहर निकल गया. मैने एक खाली केफे देखा, और वाहा एक टेबल पर बैठ गया, और अपना फोन निकाला.

फिर अपनी ही फेक एमाइल ईद से दीदी को वो वीडियो भेज दी और कहा: अगर मेरी बात नही मानी तो ये वीडियो मैं इंटरनेट पर डाल दूँगा.

और फिर मैं अपने रूम पर वापस आ गया. सब लोग रात तक घूम कर होटेल में वापस आ गये थे. दीदी ने रात को खाना खाने से माना कर दिया, और अपने रूम पर जाने का कहने लगी, और कहा की वो सोएगी. दीदी ने वो मैल पढ़ लिया था, और उसकी शकल पे 12 बजे थे, जैसे किसी कांड में पकड़ी गयी हो.

मैं साँझ गया की दीदी दर्र गयी थी, और अपना रास्ता क्लियर था. दीदी की मैल ईद से रात को रिप्लाइ आता है-

दीदी: तुम कों हो, और ये वीडियो कैसे बनाया, और चाहते क्या हो?

मैने जवाब दिया: मैं इसी होटेल का स्टाफ हू, और बदले में मुझे भी तुम्हारे साथ सेक्स करना है.

पहले तो दीदी ने माना कर दिया और कहनी लगी: तुम्हारा दिमाग़ खराब तो नही हो गया है? तुम्हे पता भी है तुम क्या बोल रहे हों?

मैने कहा: तुम्हारे पास सोचने के लिए 24 घंटे है. अगर तुम नही मानी तो मैं ये वीडियो इंटरनेट पर डाल दूँगा.

अगले दिन दीदी ने रूम पर ही नाश्ता और खाना मँगवाया. मैने सोचा सोचने में टाइम ले रही होगी. तो मैने दोपहर को एमाइल किया की क्या सोचा. शाम को दीदी की एमाइल ईद से रिप्लाइ आता है की वो बस सिर्फ़ एक बार सेक्स करने के लिए मान गयी. लेकिन मुझे वो वीडियो डेलीट करनी पड़ेगी और किसी को शेर नही करनी चाहिए. मैने सारी शर्ते मान ली, और दीदी को कहा-

मैं: कल शाम को 4 बजे गुलाबी कलर की सारे पहन के रेडी रहना. और कहा आना है मैं बता दूँगा.

मैने एक फेक नाम से ऑनलाइन उसी होटेल में बुकिंग करवा ली, और वो भी होटेल के एक कोने में, जहा ज़्यादा लोग आते-जाते नही थे. मैने दीदी को मैल भेजा की रूम नंबर पर 510 में आ जाना और अपनी आँखों पर पट्टी बाँध लेना. और पट्टी रूम के बेड पर मिल जाएगी.

मैं उस दिन बड़ा खुश हो कर सोने चले गया की कल मुझे अपनी दीदी के साथ सेक्स करने मिल रहा था. अगले दिन मैं जल्दी उठ कर मेडिकल शॉप पर जेया कर वियाग्रा ले आया, और बस 4 बजे तक की वेट करने लगा. मैने देखा की दीदी 3:30 बजे अपने रूम से बाहर आई और रूम नंबर 510 की तरफ जाने लगी.

फिर मैने एक होटेल के एक स्टाफ को 1000 र्स देकर वो रूम के बिस्तर को गुलाब की फूलों से सजाने के लिए कह दिया था, और ये भी कह दिया की 7 बजे तक रूम के आस-पास आना भी नही. मैने 4:20 तक वेट किया. फिर सोचा की अब तक दीदी ने आँखों पर पट्टी बाँध ली होगी.

मैं 4:20 को रूम के अंदर गया तो देखा की दीदी अपनी आँखों पर पट्टी बढ़ कर बेड के एक कोने में बैठी थी. मैने अपना फोन एक टेबल पर रखा, और वापस से रेकॉर्ड करने लगा. मैने रूम का दरवाज़ा अंदर से बंद किया, और दीदी के पास जेया कर बैठ गया, और तुरंत उसके दोनो हाथ बेड से बाँध दिए.

मैं सीधा दीदी की तरफ झुका और उसके शरीर की खुश्बू ने मुझे मदहोश कर ही दिया था. मैने बिना सोचे समझे दीदी को तुरंत अपनी तरफ खींचा, और उसके लिप्स को किस करने लगा. दीदी भी गरम हो चुकी थी, और पूरा साथ दे रही थी. हमने 10 मिनिट तक फ्रेंच किस किया, और दीदी तब तक गीली हो चुकी थी. फिर मैने तुरंत उसे बिस्तर पर फेंक दिया, और पंत उतार दी.

मैने धीरे-धीरे दीदी की सारी उतरी, और उसके पुर शरीर को चूमने लगा. दीदी ने क्या ही सेक्सी मॅचिंग पिंक ब्रा और पनटी पहनी थी. शादी के बाद दीदी के चूचे और भी बड़े और टाइट हो गये थे, और गांद भी बड़ी हो गयी थी. दीदी को चूमते हुए मेरे सारे रोंगटे खड़े हो गये थे, और दीदी भी लंड के लिए तरस रही थी.

मैने दीदी की ब्रा और पनटी उतरी, और उसकी छूट को चाटने लगा. दीदी सिसकियाँ भरने लगी, और लंड को अपने अंदर पाने के लिए तरस रही थी. मैने भी उसे बड़ा सताया. 10 मिनिट चाटने के बाद दीदी झाड़ गयी, और मैने उसका पानी पिया.

मैने अपना लंड दीदी के हाथो में दे दिया. दीदी से बिल्कुल रहा नही गया, और उसने वो लंड सीधा अपनी छूट में डाल दिया. हम अब मिशनरी पोज़िशन में थे, और मैं दीदी को धीरे-धीरे झटके मारने लगा. दीदी हिचकिया भरने लगी, और धीरे-धीरे आ आ चिल्लाने लगी. उसकी ये आवाज़ सुन के मुझे और नशा सा छा गया, और मैने अपनी स्पीड बढ़ा दी.

दीदी को दर्द भी हो रहा था, और मज़ा भी आ रहा था. मैने 10 मिनिट तक उसी पोज़िशन में सेक्स किया, और अंदर ही झाड़ गया. फिर मैं उठा और दीदी के मूह में अपना लंड दे दिया, और उसको चूसने लगा दिया.

उसके मखमली होंठो ने मेरे लंड पर जो जादू किया, मैने उसके मूह में अपना लंड और अंदर तक डालने लगा. फिर 10 मिनिट तक ऐसा ही किया और अंदर ही सब झाड़ दिया. दीदी ने वो भी बड़े मज़े सी पिया. ये देख के बड़ा अछा लग रहा था.

इतना सब होने तक दीदी अब पूरी मेरे काबू में थी, और अब वो सब करती जो मैं उससे करवाता. फिर मैं उसके चूचे को किस करने लगा. उसके चूचे एक-दूं टाइट थे. मैने उसके निपल्स को हल्का सा काटा तो वो धीरे से चिल्लाई, और मैने सारा दूध पी लिया. अब मैने दीदी को अपने गोद में उठाया, और अपने लंड पर बिताया, और उससे मेरे लंड की सवारी करवाने लगा.

दीदी ने पूरा लंड अपने अंदर लिया, और दर्द में आ आ आ चिल्लाने लगी. उसकी ये आवाज़े सुन के मैं अपनी स्पीड और बढ़ा देता. और वो और तेज़ी से चिल्लती. पूरा रूम ठप ठप ठप से गूँज उठा, और ऐसे करते-करते हमने 20 मिनिट तक सेम पोज़िशन में सेक्स किया, और फिरसे उसके अंदर झाड़ गया.

तब दीदी कहती है: आज ही छूट फाड़ दोगे क्या? तोड़ा तो रुक जाओ. . तो मेरा पति भी मुझे नही ..

तोड़ा सा रहें खा कर मैने उसे 10 मिनिट आराम करने दिया. लेकिन मैं अभी तक ठंडा नही पड़ा था, और ना ही मेरी दीदी. और ऐसा मौका बार-बार नही मिलता सोच कर और कैसे छोड़ा जाए सोचने लगा. फिर हम वापस 69 पोज़िशन में आ गये.

फिर उसके बाद मैने उसे डॉगी पोज़िशन में किया, और उसकी गांद पर 2 छानते मार दिए. मैने उसकी छूट में अपना लंड डाल दिया, और ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारने लगा. मैं जितना अंदर डाल सकता था डालने लगा. मेरी दीदी के शरीर की जान अब पूरी ख़तम हो चुकी थी, और वो बस चिल्लती रह गयी.

मैं 10 मिनिट बाद उसके अंदर फिरसे झाड़ गया, और जैसे-तैसे करके लंड अंदर-बाहर करते ही रहा. मेरा उस पर तरस खाने का बिल्कुल मॅन नही था. हमने करीब 2 घंटे तक सेक्स किया, और फिर मैं 10 मिनिट बाद उसके बाजू में लेट गया. ये मेरी लाइफ का बेस्ट सेक्स था. मैने कभी सोचा नही था की दीदी को ऐसे भी कभी छोड़ पौँगा, और मैं बहुत खुश था.

मैने तुरंत अपने कपड़े पहने, और मोबाइल की रेकॉर्डिंग बंद की, और मोबाइल लेकर रूम से बाहर निकल गया. तब तक शाम के 7 बाज चुके थे, और मुझे भूक भी लगने लगी थी. तो मैं सीधा डाइनिंग हॉल में चले गया, और तोड़ा सा नाश्ता ऑर्डर कर दिया. फिर मैं रूम में जेया कर नहाने लगा. मैं काफ़ी तक गया था, तो बिना खाना खाए ही सो गया, और अगले दिन ही उठा.

अगले दिन जब मेरी दीदी नाश्ता करने आई, तो मैने देखा की उससे ठीक से चलना भी नही हो रहा था. ये देख मुझे बड़ा मज़ा आया. दीदी ने अगले दिन जीजू से कहा की उसे घर जाने का दिल कर रहा था, और हमारी दीवाली की चुट्टिया भी ख़तम होने ही वाली थी, तो हम सब ने अगले दिन वापस घर जाने का प्लान बनाया. फिर हम घर के लिए निकल गये. और मैं भी घर से कॉलेज के लिए निकल गया

करीब 2 महीने बाद मा का फोन आता है की दीदी प्रेग्नेंट थी और हम सब को दीदी से मिलने मुंबई जाना था. मुझे पूरा यकीन था की उसका बाप कही मैं तो नही. खैर मैने अपनी प्यास बुझाई, और मेरे पास वीडियो भी तो है जो मैं कभी कभी बीच में देख लिया करता हू.

और यहा मेरी स्टोरी ख़तम होती है. उमीद करता हू आपको मेरी कहानी पसंद आई हो.