सुहानी सी लड़की बूढ़े से चुद गयी

ही दोस्तो, मेरा नाम सुहानी है. मेरी आगे 22 एअर है और मई दिखने मे नॉर्मल हू. मेरा फिगर 36″28″38″ है.
मेरी अभी-अभी एक कंपनी मे जूनियर अकाउंटेंट की जॉब लगी थी.

जब मेरा पहला दिन था, तो मई दर्र रही थी, की जॉब मे क्या होता होगा.
दर्र के मारे मुझे सारी रात नींद भी नही आई थी, और सुबा हो गयी. फिर मई नहा कर रेडी हुई और किचन मे चली गयी.

वाहा मैने अपनी मों की खाना बनाने मे मदद की. ऑश! मई आपको मेरी फॅमिली के बारे मे तो बताना ही भूल गयी. मेरी फॅमिली मे मेरे पापा, मेरी मों और एक छ्होटा भाई है.

मेरा भाई स्कूल मे पढ़ता है.
मेरी मा हाउस वाइफ है. और मेरे पापा ऑटो-रिक्कशे चलाते है. सॉरी! कही मई आपको बोर तो नही कर रही?

मैने मों के साथ खाना बनाया और अपना तिफ्फ़िं पॅक किया. फिर मैने तिफ्फ़िं बाग मे रख लिया और काम पर जाने के लिए तैयार हो गयी.

मेरे पापा ने मुझे एक सेकेंड-हॅंड अक्तिवा दिलाई थी. वो लेके मई जॉब पे चली गयी. वाहा ज़्यादा लॅडीस काम नही करती थी, तो मुझे दर्र लग रहा था. मेरे अलावा, वाहा एक सफाई करने वाली आंटी ही काम करती थी. और वो भी कुछ ही महीने पहले जाय्न की थी. उनका नाम गीता था.

उनसे मेरी बात-चीत होती रहती थी. उन्होने बताया, की उनसे पहले यहा पे कोई भी लेडी काम नही करती थी.
मई जब पहली बार वाहा पे गयी थी, तो सब मेरी गांद और बड़े बूब्स को घूर रहे थे. यहा तक की मेरे सीनियर भी चुपके से मेरे बूब्स को ही देखा करते थे.

मई ज़्यादातर सलवार ही पहनती थी, पर एक महीने के बाद मुझे कंपनी की यूनिफॉर्म मिली. अब सब आदमियो की तरह, मुझे भी शर्ट और पंत ही पहन-नि थी.

उसमे मेरे बूब्स और गांद और ज़्यादा दिखते थे. पंत टाइट थी, और उसमे मेरी पहाड़ी जैसी गांद का आकार सॉफ दिखाई देता था. ऐसा लगता था, जैसे दो पहाड़ियो के बीच मे एक खाई हो. और बूब्स भी ऐसे लग रहे थे, जैसे शर्ट के बटन्स तोड़ कर बाहर आ जाएँगे.

हमारा अकाउंट्स डिपार्टमेंट का ऑफीस अलग था और दिस्पच डिपार्टमेंट का अलग था. मेरा अभी तक वाहा जाना हुआ नही था, क्यूकी मेरी स्टार्टिंग थी.
पर बाद मे मेरा वाहा जाना चालू हो गया. मेरे सीनियर ने मुझे वाहा पे कुछ बिल्स लेने के लिए और वाहा के हेड के सिग्नेचर लेने के लिए भेजा था. उन्होने मुझे कहा-

सीनियर: वाहा पर आलोक सिर होंगे. उनसे इस डॉक्युमेंट पे सिग्नेचर ले लेना.

फिर मई वाहा पहुँच गयी और वाहा पे पेवं से पूछा, की आलोक सिर कहा पे मिल्लेंगे. वो पेवं मुझे आलोक सिर के कॅबिन के बाहर तक छोढ़ आया. फिर मैने उनके ऑफीस का दरवाज़ा खोला और अंदर आने के लिए पूछा-

मई: मई ई कम इन सिर?

उन्होने कहा: हा आ जाओ.

फिर जब मई अंदर गयी, तो देखा, की वाहा पे एक 47 एअर के आस-पास की उमर का आदमी खड़ा था. उनके सिर पे कम बाल थे और वो थोड़े मोटे थे. काफ़ी तर्की टाइप के थे वो. वो मुझे नीचे से उपर घूर रहे थे. वो मेरे बूब्स को भी घूर रहे थे.
मुझे ये सब पता था, पर मई अंजान बनने का नाटक कर रही थी. फिर मैने उनसे कहा-

मई: सिर ने मुझे आप से सिग्नेचर
और कुछ बिल्स लेने के लिए भेजा है.

और ये बोल कर मैने उनको डॉक्युमेंट्स दे दिए. वो डॉक्युमेंट्स की जगह मुझे ही देखे जेया रहे थे. फिर वो बोले-

आलोक सिर: क्या लॉगी? छाई या कॉफी?

मैने बोला: मई अभी मेरे ऑफीस मे छाई पीक आई हू.

फिर उन्होने डॉक्युमेंट्स बिना देखे ही साइन कर दिए और बोले-

आलोक सिर: अगली बार जब आओ, तो यही पे कॉफी पीना.

मैने मूह हिला कर हा की. उनके रूम का गाते, ग्लास का बना था. फिर जब मई वाहा से जाने लगी, तो उसमे दिख रहा था, की वो मेरी गांद को देख रहे थे. और फिर मई वाहा से चली गयी.

वाहा से आने के बाद, मैने सफाई वाली आंटी से उनके बारे मे पूछा.

तो वो बोली: वो हमारे बॉस के सेयेल है. और वो अपनी बीवी और 2 बच्चो के साथ रहते है.

करीब एक महीने के बाद, फिरसे मेरा वाहा जाना हुआ. मैने दरवाज़ा खोला और उन्होने मुझे अंदर बुला लिया. मई अंदर गयी और बैठ गयी और उनको फाइल दे दी. फिर मैने उनसे बोला-

मई: सिर मेरी एक कॉफी उधार है.

तो ये सुन कर वो हासणे लगे और पेवं को फोन किया और 2 कॉफी मग़वा ली. पेवं थोड़ी देर मे कॉफी और बिस्किट्स देके चला गया. उन्होने फाइल साइन कर दी और मुझे दे दी.

फिर हम इधर-उधर की बाते करने लगे. मैने उनकी फॅमिली के बारे मे पूछा और उन्होने मेरी फॅमिली के बारे मे पूछा. और बातो के साथ मे हमने कॉफी पी. पता नही क्यू, उनके साथ अछा लगने लगा था.

मई काम के सिलसिले मे काई बार वाहा पे जाने लगी और उनके साथ कॉफी पीने लगी. एक दिन उन्होने मुझे पूछा-

आलोक सिर: तुम्हारा कोई बाय्फ्रेंड है क्या?

वैसे तो हम काफ़ी फ्रॅंक हो गये थे, पर ये सुन कर मुझे तोड़ा अजीब लगा. लेकिन मैने उन्हे बता दिया. मैने उनको कहा-

मई: हा मेरा बाय्फ्रेंड है. और वो आयेज की पढ़ाई के लिए डोर गया है. और हम 1 एअर से नही मिले है. हमारी सिर्फ़ फोन पे ही छत होती है.

फिर हम दूसरी बाते करने लगे और अचानक मेरे हाथ से फाइल नीचे गिर गयी. मई जब नीचे होके फाइल लेने लगी, तो मैने देखा, की उनकी पंत मे उनका लंड खड़ा हो रहा था. ऐसा लग रहा था, जैसे लोड्‍ा पंत फाड़ के बाहर आने वाला हो. और वो एक हाथ से अपने लोड को सहला रहे थे.

फिर मई फाइल लेके उठ गयी और अंजान बन गयी. उसके बाद मैने उनसे पूछा-

मई: आपकी लोवे मॅरेज है, या अरेंज?

तो उन्होने बोला: अरेंज हुई है.

फिर मैने पूछा: आपकी कोई गर्लफ्रेंड हुई होगी कॉलेज टाइम मे?

तो उन्होने बोला: नही, तब ऐसा ज़्यादा नही था.

पता नही क्यू, मेरी छूट मे भी आग लग रही थी और वो गीली हो रही थी. मुझे उनसे छुड़वाने का मॅन हो रहा था. शायद मई अपने बाय्फ्रेंड से डोर थी, इसलिए ऐसा हो रहा था.

उतने मे मेरी दोस्त रिया का फोन आ गया और मैने उससे बात की. फिर जब मैने फोन रखा, तो उन्होने पूछा-

आलोक सिर: किसका फोन था, क्या हुआ?

मैने कहा: सिर मेरी दोस्त का फोन था. उसका कल बर्तडे है और मेरी अभी सॅलरी नही हुई है. तो उसको गिफ्ट देने के लिए और खुद के कपड़े लेने के लिए मेरे पास कुछ भी नही है.

तो उन्होने बोला: मई तुम्हारी मदद करता हू. मई तुम्हे शॉपिंग करवाता हू.

मैने उनको माना किया, पर वो नही माने. फिर मई उनके साथ शॉपिंग करने के लिए गयी. उन्होने मुझे कपड़े, ब्रा, पनटी और मेरी दोस्त के लिए गिफ्ट दिलवाया. फिर मैने उनसे कल के लिए छुट्टी के लिए बोला. तो उन्होने बोला, की वो मेरे सीनियर को बोल देगने.

फिर मैने थॅंक योउ बोल कर उनको हग कर लिया. वो खुश हो गये और उन्होने अपने हाथ को मेरे पीछे ले-जेया के मुझे हग कर लिया. मेरे बूब्स अब उनकी चेस्ट से डब रहे थे. इसके कारण उनका लंड भी खड़ा होके मेरी छूट को टच कर रहा था.

फिर हम अलग हुए और मैने उनको बाइ किया. फिर दूसरे दिन मई अपनी दोस्त रिया के बर्तडे पर गयी और उसको मेरा गिफ्ट बहुत पसंद आया. रिया को मेरे कपड़े भी पसंद आए और वो मुझसे पूछने लगी-

रिया: कपड़े कहा से लिए?

और मैने उसको आलोक सिर की पूरी कहानी बताई. फिर मेरी एक दोस्त ने पूछा, की मैने उनसे चुडवाई के नही. और मैने उसको माना कर दिया.

मैने कहा-

मई: वो मेरे से काफ़ी बड़े है. मई उनसे कैसे छुड़वा सकती हू. और मेरा एक बाय्फ्रेंड भी है.

तो रिया ने बताया, कैसे उसने एक अंजान बुड्ढे से ट्रेन मे चुदाई करवाई थी. और फिर कहने लगी-

रिया: ऐसा कुछ भी नही है. सेक्स और प्यार मे उमर का कोई मतलब नही है.
और तुम्हारा बाय्फ्रेंड अभी डोर है. एक साल से तुम उंगली से ही काम चला रही हो. ऐसे तो तुम अपनी जवानी बर्बाद कर रही हो.

वो मेरी दोस्त रिया बहुत चुड़क्कड़ थी. उसने तो आज तक शायद लंड की डबल सेंचुरी पूरी कर ली होगी. वो जब 18 एअर की थी, तब से उसने छूट चुड़वाणी चालू कर दी थी.

मैने उसकी बात सुनी, पर मैने उसको माना कर दिया. फिर अगले दिन मई घर से गाजर का हलवा बना कर आलोक सिर के लिए ले गयी, और उनको थॅंक्स कहा.
उन्होने हलवा खा लिया और कहा-

आलोक सिर: बहुत अछा बना है ये तो. मेरी बीवी को ठीक से कुकिंग नही आती, तो वो ज़्यादा कुछ बनाती नही
है.

तो मैने उनसे बोला: सिर आपको और कुछ खाना हो तो बताना.

इस्पे उन्होने बोला: और कुछ तो खाना है. पर पता नही क्या खाना है.

उनका मतलब मई समझ चुकी थी. लेकिन मई अंजान बनने का नाटक कर रही थी. फिर वीक मे एक बार मई उनके लिए कुछ ना कुछ बना कर लेके जाती थी. मई जो भी लेके जाती थी, वो उनको बहुत पसंद आता था.

काई बार तो वो सिर्फ़ मेरा बनाया खाना ही खाते थे. और उनकी बीवी जो देती थी, वो पेवं को दे देते थे. मुझे भी उनका ऐसा करना अछा लगता था.
एक दिन ऑफीस मे छुट्टी थी, कर कुछ समान आने वाला था, तो वो वाहा पे आने वाले थे.

और अकाउंट डिपार्टमेंट से भी किसी का आना ज़रूरी था. मई घर मे बैठ कर टीवी देख रही थी. फिर तभी मेरे सीनियर का फोन आया. मेरे सीनियर को घर पर कुछ काम था, तो उन्होने मुझे जाने के लिए बोला. और मैने भी हा कर दी.

उस रात मई सिर्फ़ आलोक सिर के बारे मे ही सोच रही थी. मई पहली बार उनको इमॅजिन करके अपनी छूट को सहला रही थी, और झाड़ भी गयी थी. बाद मे मुझे नीड आ गयी. फिर अगली सुबा मई उठी, और नहा कर तैयार हो गयी.

मैने अपने लिए और आलोक सिर के लिए तिफ्फ़िं पॅक किया और मों को बोला-

मई: मुझे नही पता, की मई शाम को कब अवँगी, तो वो मई आपको फोन करके बता दूँगी.

फिर मई घर से निकल गयी. कंपनी मे समान आ चुका था. आलोक सिर समान को उतरवा रहे थे और मई अपना काम कर रही थी. लगभग 11:30 आम आलोक सिर ने समान उतरवा लिया था. और मेरा भी काम हो गया था. अब सारे वर्कर्स भी जेया चुके थे.

छुट्टी थी, तो आज पूरा ऑफीस खाली था. फिर काम ख़तम करके, मई अपना बाग लेके आलोक सिर के कॅबिन मे जाने के लिए निकल पड़ी. लेकिन मुझे थोड़ी मस्ती सूझी, तो मैने वॉशरूम मे जाके थोड़ी लिपस्टिक लगाई और परफुमे वग़ैरा लगाया. अब मई पूरी महक उठी थी.

मैने अपनी शर्ट के उपर के बटन भी खोल दिए, ताकि मेरे बूब्स के बीच की गहराई दिख सके. मैने बूब्स को ब्रा से तोड़ा उपर कर लिया, जिसके कारण बूब्स ज़्यादा बड़े दिख रहे थे. और फिर मई वाहा से निकल गयी.

फिर मई आलोक सिर के ऑफीस के गाते के पास पहुँची, और अपने हेर भी खुल्ले कर दिए. उसके बाद मई हमेशा की तरह, “मे ई कम इन” करके अंदर घुस गयी. आज वो ब्लू जीन्स और रेड त-शर्ट मे थे.

मई उनको पागल करने की सोच रही थी.
पर उन्होने ही मुझे आज पागल कर दिया. मई तो उनको देखती ही रह गयी.
उधर वो भी मुझे और मेरे बूब्स को देखते ही रह गये. उनके मूह मे अब पानी आ रहा था और पंत मे उनका लंड भी खड़ा हो रहा था. वो देख कर मेरे अंदर भी आग लग रही थी.
थोड़ी देर ऐसे ही हम एक-दूसरे को देखते ही रहे. फिर मैने उनको बोला-

मई: आलोक सिर, आज तो आप एक-दूं हीरो लग रहे हो, एक-दूं जवान.

ये सुन कर वो हासणे लगे और मेरी तारीफ करने लगे. वो कहने लगे-

आलोक सिर: तुम भी आज ज़्यादा ही हॉट दिख रही हो.

ये सुन कर मई थोड़ी शर्मा गयी और हासणे लगी. वो आज एक-दूं हॅंडसम लग रहे थे. फिर वो दो तालिया लेके आए और हम खाने के लिए रेडी हुए. अब वो मेरे सामने थे और मई खड़ी होके झुक कर उनको खाना परोस रही थी, ताकि मई उनको अपने बूब्स के दर्शन दे साकु.

वो मेरे बूब्स को देखते ही उनकी गहराइयो मे खो गये. मई और झुक कर खाना परोस रही थी. मैने उनको कहा-

मई: क्या हुआ?

तो वो हिचक गये. फिर हम खाना खाने लगे. हमारा खाना ख़तम हुआ, और वो उठने वाले थे. तभी मैने उनको कहा –

मई: अभी आपको खीर भी खानी है.

फिर मैने बाग मे से खीर की बॉटल निकाली और बोल और स्पूने लेके आई. उसके बाद मैने उनको खीर परोसी
फिर उन्होने बोला-

आलोक सिर: मई ये नही खा पौँगा.
मेरा पेट भर गया है.

फिर मई उनको मनाने लगी. तब उन्होने बोला-

आलोक सिर: तुम अपने हाथ से खिलाओगी तो ख़ौँगा.

और मैने ओक बोल दिया. फिर मई चेर लेके उनके बाजू मे बैठ गयी और स्पून से उनको खीर खिलाने लगी.
वो मेरे हाथो से बोल लेके, मुझे भी खीर खिलाने लगे. फिर हमने सब ख़तम किया और उसके बाद हम वाहा से निकालने के लिए खड़े हुए.

फिर उन्होने मुझे थॅंक योउ कहा और हग कर लिया. मैने भी उनको अपनी बाहो मे भर लिया. अब मेरा सिर उनके काँधे पे था. लेकिन उनकी धड़कनो की आवाज़ मुझे सुनाई दे रही थी.
हम थोड़ी देर ऐसे ही रहे.

उन्होने मुझे बाहो मे ही रखा, और मेरे बूब्स उनकी छ्चाटी से डब रहे थे. मुझे अछा लग रहा था, तो मैने भी उनको कस्स के पकड़ लिया. फिर वो अपना हाथ मेरे पीछे धीरे-धीरे नीचे ले गये. अपने हाथ कमर पे ले-जाके, उन्होने मुझे नीचे से भी अपनी तरफ खींच लिया.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको अगले पार्ट मे पता चलेगा. अगर आपको कहानी अची लगी हो, तो कहानी को लीके और कॉमेंट ज़रूर करे.
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