देवर ने गेम खेलते हुए भाभी को पेला

उमीद है आप सब को स्टोरी पसंद आ रही होगी.

जैसे की आपने पढ़ा होगा की हमने गाओं में प्रॉपर्टी खरीदी थी. उस पर किसी ने क़ब्ज़ा कर लिया था, और बापू जी को मारा था. भाभी टेन्षन में आ गयी, और मैने उनको ट्रूथ ओर डियर ग़मे में शांत किया. मैं हार गया, और फिर भाभी ने मेरे लंड की और इशारा किया. अब आयेज.

मैं भाभी का इशारा समझ नही पाया और बोला-

मे: क्या इशारा कर रहे हो भाभी आप मुझे? कुछ समझ नही रहा.

भाभी कुछ बोली नही, और सीधा आक्षन लिया. उन्होने अपना कोमल और मुलायम हाथ मेरी पंत के उपर लंड पे रखा, और फिरसे इशारा क्या और बोली-

भाभी: लगता है बहुत कुछ बोलना चाहता है ये, इसे बाहर निकालो देवर जी.

मे (मॅन में: लगता है मेरी मनोकामना पूरी होने जेया रही है. तो आज तो भाभी को प्रेग्नेंट कर दूँगा): भाभी आपके क्या पीरियड्स चल रहे है?

भाभी: हा क्यूँ, आपने ऐसा क्यूँ पूछा?

मे: कुछ नही भाभी, मैं तो ऐसे ही पूच रहा था. चलो आयेज कंटिन्यू करते बोलिए मैं क्या करू?

भाभी: तुम अपनी शर्ट उतरो.

मैं तो बहुत खुश हो रहा था. मैं जैसा चाह रहा था, वैसे ही हो रहा है. मैने तो जल्दी से अपनी शर्ट उतार दी, और भाभी के मूह पे फेंक दी. फिर भाभी शर्ट को लेकर सूंघने लगी, जैसे की कोई बीवी अपने पति के बदन की खुश्बू सूंघ रही हो वैसे.

आयेज ग़मे कंटिन्यू होते हुए. इस बार ग़मे मैं जीटा और बोला-

मे: अभी मज़ा आएगा.

भाभी ने त-शर्ट पहनी हुई थी, और नीचे लेगैंग्स. मैने बिना सोचे तुरंत ही उनकी त-शर्ट पकड़ कर उतार दी. और लिटरली, मैं बता नही सकता की कभी सोचा नही था की भाभी का ग़मे के थ्रू मज़ा लेने मिलेगा. मैं अंदर ही अंदर बहुत ही खुश और नाच रहा था. और मैने उनकी पर्पल कलर की ब्रा देखी.

आयेज ग़मे कंटिन्यू होते हुए. इस बार फिरसे मैं ग़मे जीटा और बोला-

मे: चलो भाभी मैं ये लेगैंग्स उतारता हू.

और मैने भाभी की ब्रा को पकड़ कर धक्का दे दिया, और भाभी आधी बेड पर लेट गयी. फिर मैने अपने दोनो हाथो से उनकी कमर पर हाथ फैलाया, और इधर उन्होने झटके मारे. फिर मैने अपने दोनो हाथो से उनकी लेगैंग्स उतरी. इधर मैं क्या देखता हू, उन्होने सेक्सी नाम वाली रेड कलर की पनटी पहनी हुई थी. मैं तो देख कर शॉक हो गया था. फिर भाभी ने कहा-

भाभी: क्यूँ देवर जी, मैं हू ना सेक्सी वाली भाभी.

मे: नही आप तो सेक्सी नही, साथ में हॉट और कोमल भी हो.

आयेज ग़मे कंटिन्यू होते हुए. इस बार ग़मे भाभी जीती, और वो बोली-

भाभी: चलो तो तुम अपनी पंत और अंडरवेर निकालो.

फिर जैसे भाभी ने मुझे कहा, मैं वैसा करता गया. अब मैं पूरी तरह नंगा हो गया था. फिर भाभी ने मेरे लंड को अपने हाथो में लिया, और धीरे-धीरे मसलना चालू किया. उसके बाद भाभी बोली-

भाभी: अब बहुत ग़मे खेल ली. अब वही वाली गेम खेलते है. चलो देवर जी, मैं ये कार्ड रख के आती हू.

फिर भाभी कार्ड्स को इकट्ठा करके उनको ड्रॉयर में रखने गयी, और ड्रॉयर को खोलने के लिए वाहा झुकी. मैने तुरंत ही उनकी पनटी को आधा उतरा, और उनकी गंद पर ज़ोर से एक छाँटा मारा. भाभी चिल्लाते हुए बोली-

भाभी: श देवर जी, ज़रा रुकिये. अभी तो आप कोमल बोल रहे थे. अब कहा गया कोमल?

मे: अर्रे मैं रुक नही पाया आपकी मटकती हुए ये गांद को देख कर. भैया वाकाई में बहुत ही नसीब वाले है भाभी.

भाभी: कहा देवर जी, वो मुझे संतुष्ट नही कर पाते. उनसे आचे तो आप है.

अब मैं अपनी भाभी को अपनी गोद में लेकर चला बेड पर. वाहा भाभी को पटक दिया बेड पर, और धीरे-धीरे मैं उनकी और बढ़ रहा था. फिर मैने भाभी की ब्रा का हुक खोल दिया, और ब्रा को उठा कर फेंक दिया. 38″ के भाभी के रसीले बूब्स को दबाने लगा, और उन्हे चूसने लगा. फिर भाभी भी मेरे बाल पकड़ कर ज़ोर-ज़ोर से सिसकारियाँ ले रही थी.

भाभी: ह्म देवर जी आह श.

फिर मैने भाभी के बूब्स को पकड़ के लीप किस देना चालू किया. मेरी और भाभी की जीभ आपस में टकरा रही थी, और हम दोनो की साँसे एक-दूसरे के अंदर आ जेया रही थी. करीब 2-3 मिनिट्स तक ऐसे ही लीप किस चल रहा था.

फिर भाभी ने मुझे उनके उपर से हटाया, और साइड में किया. उसके बाद मेरे पैर के उपर बैठ कर मेरा लंड चूसना चालू किया. पुर रूम में उनके लंड चूसने की आवाज़ गूँज रही थी गुलपप गुलपप थी.

फिर मैने भाभी से कहा: मुझे भी आपकी छूट चाटनी है. ज़रा ऐसी पोज़िशन में बैठिए, जिससे मैं आपकी छूट और आप मेरा लंड चूस सके.

फिर भाभी मेरे पेट पर बैठ जाती है, और उनकी आधी खोली हुई पनटी को मैने फाड़ दिया. तभी भाभी बोली.

भाभी: ये क्या किया आपने देवर जी? मस्त पनटी थी.

मे: अर्रे मैं आपको इससे भी बढ़िया और अची से अची पनटी ला कर दूँगा. वो भी आपके नाम वाली.

फिर मैने भाभी की छूट में अपनी जीभ रगड़नी चालू की, और दूसरी और भाभी मेरे लंड को रग़ाद रही थी. कुछ मिनिट के बाद भाभी ने मुझ पर अपना पानी निकाल दिया. मेरे सारे फेस पर आंड मूह के अंदर भाभी का पानी-पानी था. मैं पूरी तरह मदहोश हो चुका था. फिर मैने उनकी फाटती हुई पनटी से अपना फेस सॉफ किया.

उसके बाद भाभी मेरे उपर से उठ कर साइड में चली गयी और मुझे कहा: जाओ देवर जी, मेरे लिए एक ग्लास पानी लेकर आओ, और साथ में तेल भी.

फिर मैं वाहा से उठ कर भाभी के लिए ग्लास पानी और तेल लेने गया. भाभी ने पानी पिया, और ग्लास साइड में रख कर दोनो टांगे फैला कर मुझे इशारा किया उनकी छूट की तरफ. अब मैं उनकी और बढ़ रहा था तेल लेकर.

जैसे ही मैने तेल के डब्बे में अपनी उंगलियाँ डुबोई. मुझे सूझा की तेल लगौँगा, तो मज़ा नही आएगा. दोनो अंगो के बीच तेल कबाब में हड्डी बनता रहेगा. जाने दो मज़ा नही आएगा. फिर मैने भाभी की छूट में लंड घुसने की कोशिश की. लेकिन भाभी की काफ़ी दीनो से सर्विस नही हुई थी. लास्ट टाइम मैने ही उनकी सर्विस की थी, इसलिए उनकी छूट सूख गयी थी.

फिर भाभी ने अपने मूह में उंगली डाली, और थूक निकाल कर उनकी छूट पे रगड़ने लगी. मैं भाभी के मूह के पास गया, और बोला-

मे: इसे भी तोड़ा गीला कर दो.

फिर भाभी 1-1:30 मीं तक मेरा लंड चूस्टी रही, और मेरा लंड और उनकी छूट दोनो गीली हो गयी. उसके बाद मैं अपना लंड भाभी की छूट पर रगड़ता हू, और धीरे-धीरे सेट करके उनकी छूट में लंड डाल देता हू, और भाभी ज़ोर से चीखती है.

भाभी: आ देवर जी दर्द हो रहा है.

मैं बोला: चुप-छाप सहा कीजिए, धीरे-धीरे दर्द कम हो जाएगा.

फिर मैं धीरे-धीरे अपनी स्पीड बढ़ता हू, और साथ में भाभी को लीप किस करता हू. हम दोनो की साँसे आपस में टकरा रही थी, और एक-दूसरे के मूह में आ जेया रही थी. हमारी जीभ आपस में चिपक रही थी, और भाभी सिसकियाँ लेती हुई बोली-

भाभी: आअहह देवर जी, फक मे. तीस इस सो बिग आ.

फिर भाभी ने मुझे अपने उपर से हटाया, और खड़ा किया, और मुझे बेड पर धक्का दे दिया. अब वो मेरे उपर खड़ी हो गयी. ये कुछ ऐसा सीन आया की जैसे कोई हेलिकॉप्टर हेलिपॅड पर उपर से नीचे धीरे-धीरे करके लॅंड हो रहा था. वैसे ही भाभी अपनी दो टांगे फैला कर मेरे लंड के उपर लॅंड हो रही थी. वो दृश्या काफ़ी हॉट था. फिर भाभी ने मेरे लंड को पकड़ कर दो टांगे फैला कर उनकी छूट में सेट कर रही थी.

फिर भाभी मेरे लंड को अपनी छूट में पूरा अंदर समा कर उछाल रही थी. पुर रूम में उनकी आवाज़ गूँज रही थी.

भाभी: आ आ श.

और मैं भाभी के मोटे-मोटे हिलते हुए बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबाने और थप्पड़ मारने लगता हू. बूब्स बहुत सॉफ्ट पार्ट होते है. तो ऐसा करने से भाभी को बहुत दर्द हो रहा होता है. जिस वजह से भाभी उछालना बंद कर देती है, और अपने बूब्स धक लेती है, और भाभी काफ़ी ज़ोर साँसे ले रही थी.

भाभी (ज़ोर-ज़ोर से साँसे लेती हुई): आआ देवर जी, बहुत दर्द हो रहा है. मैने ऐसी पोज़िशन में कभी नही किया है.

फिर मैने कहा: कोई बात नही. तोड़ा धीरे-धीरे उछालिए.

उसके बाद भाभी ने मेरा लंड सेट करके फिरसे धीरे-धीरे उछालना शुरू किया. फिर कुछ देर के बाद थोड़ी स्पीड बधाई भाभी ने.

भाभी: ओह गोद, बहुत दर्द हो रहा है.

फिर भाभी के दर्द के कारण वो खड़ी हो गयी, और मैने उनको मेरी साइड में लिटा कर चिपक कर गांद मारना शुरू किया, और कहा-

मे: अभी भाभी आपको दर्द नही होगा ओके.

भाभी: आ करो-करो.

फिर माने अपना लंड भाभी की छूट में लंड डाल कर भाभी को छोड़ना शुरू किया, उनके रसीले बूब्स और निपल दबाते हुए.

भाभी: आ आ श.

कुछ देर तक ऐसे ही चलता रहा. फिर भाभी दूसरी बार झाड़ गयी, और बेड की सीट गीली-गीली और मेरा लंड भी पूरी तरह गीला-गीला हो गया. इसकी वजह से छाप-छाप की आवाज़ आने लगी. अब मैं भी झड़ने वाला था. मैने सोचा यही सही मौका था भाभी को मा बनाने का. इसलिए मैने मेरा पूरा माल भाभी की छूट में गिरा दिया.

भाभी: अर्रे ये क्या किया देवर जी? आपने अपना माल मेरी छूट में क्यूँ डाल दिया देवर जी? मेरे पीरियड्स चल रहे है, अब मैं मा बन जौंगी तो?

मे: अर्रे कोई बात नही बच्चा होगा तो इसी खानदान का खून ही होगा ना.

अब मैं और भाभी पूरी तरह तक चुके थे. मैने अपना लंड भाभी की छूट में से निकाला नही, और उनकी छूट में लंड रख कर उनसे चिपक कर सो गया. वो भी सो गयी.

अगली स्टोरी में जानिए कैसे मेरा लंड भाभी की छूट में लक्कड़ हो गया.

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