चूत देके बहू के ससुर को वश में करने की कहानी

ही दोस्तों, आप सब ने मेरी लास्ट स्टोरी में पढ़ा था, की कैसे विजय बेकार हो गया था. फिर मैने अपने ससुर से प्रॉपर्टी लेने के लिए उनको सिड्यूस करने का प्लान बनाया. इसके लिए मैने विजय को डोर भेज दिया, और ससुर का सालों से सोया लंड खड़ा किया. अब आयेज बढ़ते है.

ससुर: हा मेरी बेटी कंगना, कितने दीनो के बाद ये आज खड़ा हुआ है.

और फिर मैने उनके टॅटू को तोड़ा चूसने लगी, और टटटे चूसने के बाद मैं खड़ी हो गयी. फिर मैने ससुर जी को कहा-

मैं: पापा मुझे नंगा करो अपने हाथो से, और देखो मुझे.

पापा खड़े हो गये, और फिर उसने मेरे टॉप को उतार दिया, और वो मेरे चूचे दबाने और मसालने लगे मेरी ब्रा के उपर से. वो मुझे किस करने लगे. मैं एक हाथ से ससुर का लंड हिला रही थी, और इधर ससुर मेरे चूचों के साथ खेल रहे थे, और कहते है-

ससुर: कंगना बेटी, तेरे चूचे तो बहुत बड़े है.

मैं: पापा आचे लगे आपको? इनको ब्रा से बाहर निकाल कर चूसो.

फिर ससुर जी ने मेरे एक चूचे को ब्रा से बाहर निकाला, और उसको चूसने लगे. और फिर दूसरा भी बाहर निकाल कर उसको मसालने लगे. मुझे भी मज़ा आ रहा था. वो मेरे निपल्स को मसालते और उन्हे घूमते, जिससे मेरे पुर बदन में आग लग जाती.

मैं: आहह पापा, चूसो मेरे चूचे, चूसो पापा. पापा मेरी छूट छातो.

कुछ देर मेरे चूचे चूसने के बाद मैने ससुर जी के पुर कपड़े उतार दिए, और फिर ससुर ने मेरे भी जीन्स और पनटी को उतार कर उसको डोर फेंक दिया. फिर उन्होने मुझे सोफे पर लिटा दिया, और मेरी छूट को अपनी हाथो से सहलाते हुए मेरे चूचे चूसने लगे.

फिर कुछ देर के बाद मेरा ससुर मेरी छूट को देखने और उसको चूमने लगा, और उसको चाटने लगा.

वो बोला: एक-दूं चिकनी छूट है तेरी.

मैं: हा पापा, अब छातो ना इसको.

फिर मेरी छूट को चाट-ते हुए ससुर जी ने मेरी छूट के होंठो को साइड किया, और अपनी जीभ अंदर डाल दी. वो अब मेरी छूट के मज़े लेने लगे, और कुछ देर तक उसने मेरी छूट को आचे से छाता.

फिर मैने ससुर को सोफे पर लिटाया, और उसके लंड और टॅटू को चूसने लगी. और कुछ देर उसके टटटे और लंड चूसने के बाद, मैने ससुर के उपर आ कर उसके लंड के उपर बैठ गयी. मैने अपनी छूट में ससुर का लंड डाला, और फिर मैने ससुर के लंड की राइड चालू की.

मुझे मज़ा आ रहा था, और मेरे ससुर का लंड भी एक-दूं टाइट हो चुका था मेरी छूट लेने के लिए. वो मेरे दोनो चूचे भी दबा और मसल रहा था, और मैं अपनी गांद को उपर-नीचे करके उसके लंड को अपनी छूट में अंदर-बाहर कर रही थी.

फिर 2 मिनिट के बाद ससुर जी के लंड से अमृत निकल गया. मैं जल्दी से उठी, और उनके लंड को अपने मूह में लिया, और डाइरेक्ट उनके लंड के पानी को मूह में ले लिया. मेरे ससुर जी को जन्नत जैसे मज़ा आ गया. फिर मैने उनसे पूछा-

मैं: पापा मज़ा आया?

ससुर जी की साँसे तेज़ चल रही थी. उन्होने मेरे सर को पकड़ लिया, और अपने लंड पर मेरा फेस रब करते हुए बोले-

ससुर जी: आज तक मुझे इतना मज़ा नही मिला, जो तुम्हे मुझे दिया है. मैने तो सिर्फ़ फ़िल्मो में देखा था ये सब. लेकिन आज पहली बार इतना आनंद आया है.

मैं ससुर जी के उपर आ कर लेट गयी, और उनको किस किया. और पापा ने भी मुझे किस करते हुए कहा-

ससुर: तू पहली लड़की है लाइफ में जिसने मेरे लंड का पानी पिया है. नही तो ये सब मेरे लिए एक सपना था.

मैं: पापा आज से आपके सारे सपने मेरे हुए. जो आप कहोगे मैं वैसे करूँगी. तुम्हारा पूरा ध्यान रखूँगी, और तुम्हारी सेवा करूँगी.

पापा बहुत खुश हो गये, और मुझे अपने सीने से लगा कर सो गये. हम लोग 2 घंटे के बाद उठे, और ससुर ने बोला-

ससुर: बेटी मुझे डॉक्टर के पास जाना है, तेरी सास को लेकर.

मैं नही चाहती थी, की मेरा ससुर आज डॉक्टर के पास जाए उस कमीनी बुधिया (मेरी सास) को लेकर. मैने ससुर जी के होंठो पर किस करते हुए कहा-

मैं: इतनी जल्दी भी क्या है? इतने साल आपने सासू मा को अपना प्यार दिया ही है. मैं चाहती हू आप आज से मुझे अपना प्यार दो.

और मैने उसके लंड को अपने हाथो में लिया, जो पूरी तरह से सोया हुआ था.

ससुर: लेकिन बेटी अपायंटमेंट है डॉक्टर के साथ.

मैं: पापा मेरी छूट में आग लगी हुई है, जो तड़प रही है आपके लंड को फिरसे अपने अंदर लेने के लिए.

और फिर मैं नीचे आ कर ससुर जी के लंड के साथ खेलने लगी. ससुर को भी मज़ा आ रहा था, और उन्होने बोला-

ससुर: ठीक है बेटी, आज मैं तुझे जी भर के प्यार करूँगा. डॉक्टर को बाद में मिल लेंगे.

और फिर मैं खुश होकर ससुर के उपर लेट गयी.

मैं: ओह पापा, आप कितने आचे हो. ई लोवे योउ सो मच.

और फिर हम एक-दूसरे को स्मूच करने लगे, और पापा ने कहा-

ससुर: अपने डूडू पिलाओ मुझे.

मैं फिर तोड़ा उपर हुई, और अपना एक डूडू अपने ससुर के मूह में डाल दिया, और कहा-

मैं: पियो मेरे दूध पियो पापा आचे से.

और मैं एक हाथ से ससुर के लंड के टॅटू को सहलाने लगी. धीरे-धीरे ससुर का लंड टाइट होने लगा, और इधर मेरे ससुर जी मेरे चूचों का दूध पी रहे थे बच्चो को तरह.

कुछ देर दूध पिलाने के बाद मैं भी अपने ससुर के लंड को चूसना चाहती थी. ससुर का लंड छ्होटा था, लेकिन मोटा लंड था उसका, जो मेरे मूह में आचे से फिट हो रहा था, और मैं अपने मूह की चुदाई करने का मज़ा लेना चाहती थी.

मैने ससुर के लोड को देखा, और कहा: पापा आपका लंड कितना अछा है, और मोटा भी. आप मेरा मूह छोड़ोगे?

ससुर जी की जैसे मॅन की मुराद पूरी हो गयी हो.

ससुर: हा बेटी बिल्कुल, तुम भी कितनी खूबसूरत हो, और तुम्हारा चेहरा तो कमाल है. जब तुझे बेटे के लिए देखा था, तब तू मुझे बहुत अची लगी थी. तेरा खूबसूरत चेहरा देख कर मैने तुझे अपने बेटे के लिए पसंद कर लिया था.

ससुर: लेकिन मुझे नही पता था, की मेरी खूबसूरत बहू इतनी प्यासी है. और मैं इतना लकी हू, की आज अपनी बहू के मूह की चुदाई करूँगा.

मैं: जी पापा.

और ये कहते हस मैने ससुर के लंड को अपने मूह में आचे से लिया, और चूस्टे हुए अपना फेस उपर-नीचे करने लगी. मैं अपने ससुर के मोटे लंड से अपना मूह छुड़वाने लगी. इधर ससुर जी का लंड भी अब तंन चुका था. और फिर ससुर जी ने कहा-

ससुर: बेटी तुम अपना फेस सिरहाने पर रखो, ताकि मेरा लंड तुम्हारे मूह में डाइरेक्ट अंदर तक जेया सके, और तुम्हारे मूह को मैं तुम्हारी छूट की तरह छोड़ साकु.

फिर मैने ससुर के टॅटू को चूमा, और मैं पलंग के सिरहाने पर बैठ गयी, और अपना फेस उपर की तरफ कर लिया. मेरा ससुर मेरे उपर क्रॉस टांगे डाल कर खड़ा हो गया, और उसने अपना लंड मेरे मूह में डाला. वो खुद दीवार का सहारा ले कर खड़ा हो गया.

अब उसका लंड आचे से मेरे मूह में था, और मेरा मूह रेडी था छूट बनने के लिए. फिर वो मेरे मूह में लंड के तेज़ी से झटके मारने लगा, और अपना लंड मेरे मूह में अंदर-बाहर करने लगा.

मेरे जबड़े मोटा लंड ले कर दर्द कर रहे थे. लेकिन मेरे ससुर के अंदर ग़ज़ब की ताक़त थी मुझे छोड़ने की. और उसका लंड मेरी हलाक तक जेया रहा था, जिससे मुझे 1 बार वॉमिट भी हुई.

लेकिन वो उठा, और फिरसे मेरे मूह में अपना लंड डाला, और मुझे छोड़ने लगा. फिर 2 मिनिट में उसके लंड से फ्रेश आंड गरम अमृत मेरे मूह में आ गया. उसके बाद ससुर जी ने अपना लोड्‍ा बाहर निकाला, और मेरे फेस पर मारने लगे.

फिर मैने अपना मूह खोल कर अपने ससुर को दिखाया उसका फ्रेश अमृत, और उसको मैं पी गयी. ससुर जी ये देख कर बहुत खुश हुआ, और मैने उसके टॅटू को अपने मूह में लिया, और उसका मोटा लंड मेरे फेस पर आशीर्वाद दे रहा था.

फिर 2 मिनिट में ससुर तक कर मेरी गोद में लेट गया, और बोला: कंगना मुझे नही लगता तुझसे बढ़िया और कोई हो सकता है पुर हयद में. तू कितना अछा छुड़वा लेती है. विजय ने सिखाया तुझे ये सब?

मैने तोड़ा मूह बनाया और बोला: पापा आप गुस्सा तो नही होंगे?

ससुर: नही बेटी, बिल्कुल नही.

मैं: खाओ मेरी कसम.

उसने मेरी छूट पर हाथ रखा, और अंदर उंगली डालते हुए कहा: तेरी इस प्यारी सी छूट की कसम, मैं गुस्सा नही होऊँगा.

फिर मैने उसको एक झूठी स्टोरी बताई: आपका बेटा किसी काम का नही है. वो बहुत ठंडा है, और बस मेरी छूट में डाल कर अपना पानी निकाल लेता है. और इस वजह से मैं पॉर्न मूवीस देखने लगी, और इन सब चीज़ों का शौंक हो गया. और जब आपको अकेला देखा दिन में, तो मैं अपने आप को रोक ना सकी, और बस आप से छुड़वाने का मॅन बना बैठी.

फिर मैं रोने लगी.

फिर ससुर बोले: श, मुझे नही पता था की मेरा बेटा इतना बड़ा नपुंसक है. तू चिंता मत कर, आज से मैं तेरा पूरा ध्यान रखूँगा. और कोशिश करो, की विजय किशोरे के पास ही जॉब करे, इधर ना आए. उसके लिया वही पर अछा है.

इस तरह से मैने अपने ससुर को अपने जाल में फसाया, और अपनी चुदाई का नया अध्याय लिखा. और फिर मैने अपनी जान रशीद को सारी बात बताई. वो खुश था, और बोला-

रशीद: बहनचोड़! तू सच मैं बहुत बड़ी रांड़ है.

तो मैने उसको बोला: मुझे रांड़ भी तो तुमने ही बनाया है. अगर तुमने मेरी पहली चुदाई ना की होती मेरे घर पर, तो मैं तो ये सब कर ही नही सकती थी.

रशीद ने कहा: तुझे देख कर ही लग गया था पहली बार, की उपर से तू संस्कारी है, लेकिन अंदर से तू रंडी है. बस तुझे तैयार करना था, जो मैने किया तुझे छोड़ कर. समझी मदारचोड़ छूट?

मैने हेस्ट हुए कहा: हा-हा, मैं समझ गयी की तुम्हे ही मुझे पहचाना, की मैं रंडी बन सकती थी.

रशीद: हा, और नही तो क्या? तू मेरी रंडी कंगना है. मुझे तो लगता है तेरी मा के भोंसडे में भी बहुत खुजली होगी. तुझे क्या लगता है?

मैं: मुझे कुछ नही पता.

रशीद बोला: छूट सच-सच बोल. बहनचोड़ तूने अपनी मा का भोंसड़ा देखा है?

मैं: अर्रे मुझे नही पता, तुम खुद पता कर लो.

रशीद: क्यूँ बहनचोड़, तुझे तेरी बेहन चाहिए तेरे जैसी?

मैं: मा के साथ इस आगे में करोगे? जाओ सेट कर लो खुद ही.

रशीद: बहनचोड़, जो तेरे पेट में मैने बच्चा डाला है, और फिर तेरी मा के पेट में भी डालूँगा, तो क्या रिश्ता बनेगा?

मुझे हस्सी आ गयी. और फिर कुछ देर यहा-वाहा की बात करके रशीद ने कहा-

रशीद: छूट, अब अपनी मा मत छुड़ा, और फोन रख. मुझे काम है.

मैं: ओक जान, लोवे योउ सो मच.

दोस्तों ई होप आप लोगों को मेरी स्टोरी अची लगी.

और इसका नेक्स्ट पार्ट जल्दी डालूंगी, और बतौँगी की प्रॉपर्टी पाने के लिए मुझे और क्या करना पड़ा. टिल देन बाइ-बाइ. आपकी कंगना चूत.