कॉलगर्ल की जगह चुद गई उसकी चाची

दोस्तो, मैं एक कॉल बॉय हूँ, अपनी किसी दोस्त और अपनी किसी भी ग्राहक के संपर्क सूत्र बता नहीं सकता, यह मेरे उसूल के खिलाफ है।

अभी तक मैंने कई लड़कियों और भाभियों की चुदाई की है और उनको भरपूर आनंद भी दिया पर उनकी बिना सहमति कहानी नहीं लिख सकता हूँ. अभी जो कहानी लिख रहा हूँ यह मेरे और मेरे दोस्त के साथ हुई एक सच्ची घटना है।

बात आज से 3 साल पहले की है मेरे पास मेरे दोस्त जय (काल्पनिक नाम) का फोन आया- भाई विराट, तेरी भाभी गर्भवती है और मुझे चुदाई किये बहुत दिन हो गए. यार मुझे चुदाई करनी है कोई जुगाड़ कर न!
मैंने कहा- रविवार को भोपाल आ जा, तेरे लिए कुछ करता हूँ।

फोन कट करने के बाद मैंने सोचा कि इसके लिए क्या करूँ? अपनी किसी ग्राहक से तो मिलवा नहीं सकता; अगर ऐसा किया तो अपनी बेइज्जती हो जाएगी और सामने वाले ग्राहक की प्राइवेसी को भी खतरा रहेगा।
फिर उसके लिए मैंने अपने एक दोस्त से बात करके एक कॉलगर्ल सेन्टर का नम्बर लिया और उस पर बात की तो एक औरत ने फोन उठाया उनसे बात करके उनसे लड़की की फ़ोटो ली।
लड़की का नाम था शालिनी, वो बहुत मस्त माल थी. उसकी फोटो मैंने जय को भेजी तो वो शालिनी का दीवाना हो गया। मैंने जय को उसका रेट बताया और बात पूरी पक्की कर ली।

2 दिन बाद रविवार था, जय ठीक समय पर मेरे पास आ गया. हम लोग बताई हुई जगह पर पहुँचे और उस महिला को फोन किया तो उसने बताया कि शालिनी अभी बाहर गई हुई है, थोड़ी देर बाद आएगी, तब मिल लेना; आप लोग इन्तज़ार करो।

हम लोग वहां रुकने की बजाये 1 किमी दूर रोड पर आकर एक रेस्टोरेन्ट पर बैठकर इन्तज़ार करने लगे. करीब आधे घंटे बाद हमने फोन किया तो पता चला वो शालिनी अभी तक नहीं आई थी।
ऐसे ही एक घंटा और निकल गया पर वो शालिनी नहीं आई।

तो मैंने अपने दोस्त से बोला- यार जय, एक काम कर, उस आंटी की ही चुदाई कर ले! तुझे तो चूत मारने से मतलब है न?
जय बोला- नहीं यार, वो डांट फटकार कर भगा देगी तो अपनी बेइज्जती हो जाएगी।
मैंने उसको समझाया- तू चिंता मत कर, मैं सब बात कर लूंगा, तू सिर्फ चुदाई करना।

मेरी बात से वो तैयार तो हो गया पर फिर भी थोड़ा डर रहा था। मैं उसको फिर उसी घर पर ले गया जहां हम पहले गए थे।
हमने दरवाजा नॉक किया गेट एक आंटी (शबाना) ने खोला. शबाना आंटी लगभग 55 साल उम्र की शरीर से मोटी लेकिन मस्त गोरी चिट्टी!

गेट खुलने के बाद उनसे हमने पानी पिलाने को बोला तो उन्होंने कहा- अंदर आ जाओ।
हम दोनों अंदर गए.

अंदर एक आंटी और बैठी थी, उनकी उम्र लगभग 38 साल होगी ये आंटी (स्मिता) पहले वाली से बहुत मस्त लग रही थी, मस्त गोरी फिगर लगभग 38-36-40 का होगा.
दूसरी आंटी को देखकर मैंने अपने दोस्त से इशारे में पूछा- कैसी है?
तो उसने भी इशारे में जवाब दिया- मस्त माल है।

तब तक शबाना आंटी पानी लेकर आई. पानी पीकर हम लोग शबाना आंटी से शालिनी के बारे में बात करने लगे उन्होंने बताया- वो ग्राहक के पास गई है, अब तक तो आ जाना चाहिए था। पर अभी तक नहीं आई, पता नहीं कहाँ चूत फुड़वा रही होगी माँ की लोड़ी।

अब मैंने बड़े स्टाइल से अपनी बात रखी- आंटी, हम लोग 90 किमी दूर से आये हैं, समय भी ज्यादा हो गया और आपके यहां से बिना कुछ करे ही चले जायेंगे तो हमको बहुत बुरा लगेगा।
आंटी ने बोला- मैं क्या कर सकती हूं जब लड़की ही नहीं है तो?
मैं बोला- आप स्मिता आंटी से मिलवा दो, हमारा काम भी हो जाएगा और आपके ग्राहक भी फालतू भटकने से बच जाएंगे.

शबाना आंटी को मेरी बात जम गई, उन्होंने स्मिता आंटी से बोला तो वो नखरे करने लगी, बोली- नहीं मैं नहीं करूँगी. मेरे घर वाले को पता चल गया तो मेरी हालत खराब कर देगा।
मैं समझ गया कि स्मिता आंटी चुदवा सकती है पर इसको थोड़ा मनाना पड़ेगा।
शबाना आंटी ने बताया कि ये स्मिता आंटी उसी लड़की शालिनी की चाची हैं.

मैंने शबाना आंटी से बोला- हम इनके घर वाले को नहीं जानते, हम तो बतायेंगे नहीं, आप जानती हो तो आप भी मत बताना प्लीज।
शबाना आंटी बोली- ऐसी बात बताई नहीं जाती।

शबाना आंटी ने स्मिता आंटी से कहा- मिल लो यार, बहुत दूर से आये हैं। कौन तुम्हें अंदर आकर देख रहा है।

आखिर थोड़ा ज़ोर देने पर स्मिता आंटी मान गई और मेरा दोस्त उनको अंदर लेकर चला गया.

लगभग 15 मिनट बाद दोनों बाहर निकल आये।
स्मिता आंटी ने हाथ मुंह धोये, फिर वो मेरे साथ अंदर गई, अंदर जाकर उन्होंने दरवाजा बंद करते ही कंडोम निकाला और पहनाने लगी।
मैंने उनसे बोला- इतनी जल्दी किस बात की है, थोड़ा मूड तो बनाने दो।

फिर वो मान गई और मेरी बांहों में आ गई. मैंने उसके गाल पे किस किया, फिर उसके गले और गर्दन पर किस करते हुए उसको बेड पर लेटा दिया।
तब मैंने आंटी की सिल्की नाइटी को तुरंत निकाल दिया और मेरे कपड़ों को भी निकाल फेंका।

आंटी का गोरा बदन देखकर मेरा 8 इंच का लौड़ा तुरंत खड़ा हो गया, मैंने उसको किस करना शुरु किया, फिर मैंने उसके बूब्स अपने हाथों में लिए. मस्त मुलायम बूब्स थे उसके एकदम गोरे।
मैं आंटी के बूब्स दबाते हुए उसके पेट पर किस करने लगा. अब वो पूरी तरह से गर्म होने लगी थी.

पेट पर किस करने के बाद मैं पेट के नीचे वाले बिल्कुल मुलायम हिस्से पर चूमने चाटने लगा. आंटी की हालत खराब हो गई, वो पूरी तरह गर्म हो गई, मुझे अपने ऊपर खींच कर चूमने लगी, मेरे लण्ड पर कंडोम चढ़ाया और बोली- अब डाल दो यार!
मैंने भी ज्यादा देर करना ठीक नहीं समझा और उसकी टांगें फैला कर अपना लण्ड उसकी चूत में उतारना शुरू कर दिया।

दोस्तो, मुझसे पहले मेरा दोस्त उसे चोद चुका था, फिर भी उसकी चूत बहुत टाइट थी; उसकी आह निकल गई।
मुझे बड़ा अजीब लगा पर मज़ा भी बहुत आ रहा था। मैंने दनादन धक्के लगाना शुरू कर दिए। उसकी गद्देदार जांघों से मेरी जांघ टकरा रही थी जिससे फट फट की तेज आवाज आने लगी जो बाहर बैठे मेरे दोस्त और शबाना आंटी को सुनाई दे रही थी।

मेरे दोस्त ने मुझे बाद में बताया कि शबाना आंटी इस आवाज को सुनकर मुस्कुरा कर उससे पूछ रही थी- यह कैसी आवाज है?
तो मेरे दोस्त ने उसे जवाब दिया था- आंटी, मेरा दोस्त बहुत मंजा हुआ खिलाड़ी है इस मामले में।
शबाना ने कहा- ह्म्म्म … लग तो ऐसा ही रहा है।

चुदाई में स्मिता आंटी की सिसकारियां निकल रही थी। साथ ही आंटी मेरी पीठ पर हल्के हल्के हाथों से सहला रही थी जिससे मेरा जोश दुगुना हो रहा था।
अब मैंने आंटी को घोड़ी बनाकर चोदना शुरू किया। लगातार कई मिनट तक चोदने पर मेरा पानी निकला, तब तक आंटी 2 बार संतुष्ट हो चुकी थी।
मेरा पानी निकलने के बाद भी आंटी को मैंने एक बार और संतुष्ट क्या फिर आंटी से पूछा- मज़ा आया?
आंटी बोली- बहुत ज्यादा!

देर ज्यादा होने की वजह से हमने कपड़े पहने पैसे दिए और निकल आये।
आप सभी मित्र अपने विचार अवश्य दें कि मेरी सेक्स कहानी कैसी लगी.